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NRC और CAA पर ममता की जनमत संग्रह की मांग, संयुक्त राष्ट्र (UN) करे निगरानी

कोलकाता / पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए और यदि वह ”व्यापक मत” हासिल करने में विफल रहती है तो उसे सत्ता छोड़नी होगी. बनर्जी ने यहां रानी रशमोनी एवेन्यू में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को देश में हिन्दू और मुसलमानों के बीच लड़ाई के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए|
ममता बनर्जी का अमित शाह पर हमला, ‘आपका काम आग लगाना नहीं बल्कि…’ तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”भाजपा को बहुमत मिला है, इसका मतलब यह नहीं है कि जो वह चाहती है, कर सकती है. यदि भाजपा में साहस है तो उसे सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराना चाहिए.” उन्होंने कहा, ”यदि भाजपा व्यापक मत हासिल करने में विफल रहती है तो तब उसे सत्ता छोड़ देनी चाहिए.” ममता की टिप्पणी पर भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया आई. भाजपा ने तृणमूल प्रमुख से कहा कि वह खुद को ‘हंसी का पात्र’ न बनाए. केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा, “क्या उन्हें पता है वह क्या कह रही हैं? उन्हें खुद को हंसी का पात्र नहीं बनाना चाहिए. मुझे लगता है कि उनके सलाहकारों ने उन्हें अच्छी सलाह देना बंद कर दिया है.”
Citizenship Bill: नागरिकता बिल के खिलाफ SC पहुंचीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा, अब तक 4 याचिकाएं दाखिल– बनर्जी ने दावा किया कि उन्हें सूचना मिली है कि भाजपा अपने कैडरों के लिए टोपियां खरीद रही है जो इन्हें पहनकर एक खास समुदाय की छवि खराब करने के लिए तोड़फोड़ कर रहे हैं. बनर्जी ने एकबार फिर दोहराया कि विवादास्पद कानून और प्रस्तावित एनआरसी को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि भाजपा की स्थापना 1980 में हुई थी और वह नागरिकता दस्तावेज 1970 के मांग रही है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनों को रोकने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू करने के बावजूद भाजपा सफल नहीं होगी.
भारत में प्रदर्शनों पर संयुक्त राष्ट्र की नजर- नागरिकता संशोधन कानून पर भारत में हो रहे प्रदर्शनों पर डुजैरिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा भारत में हो रहे प्रदर्शनों और वहां के हालात पर नजर बनी हुई है। उन्होंने प्रदर्शन में हिंसक घटनाओं और मौतों पर चिंता जताई और कहा कि लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने चाहिए। साथ ही कहा कि सुरक्षाबलों को भी कार्रवाई में संयम बरतना चाहिए।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन का सम्मान होना चाहिए- संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिज्जानी मोहम्मद बंदे की प्रवक्ता रीम अबाजा ने भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन का अधिकार जरूरी है, लेकिन शांतिपूर्ण प्रदर्शन का। विरोध को हमेशा शांति से जताया जाए ताकि उसका सम्मान हो। गौरतलब है कि गुरुवार को पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा था आजादी के 73 साल बाद अचानक हमें यह साबित करना होगा कि हम भारतीय नागरिक हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा था कि अपना विरोध नहीं रोकें क्योंकि हम नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू होने नहीं दे सकते।
उन्होंने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जैसे निष्पक्ष संगठन जनमत संग्रह कर देखें कि कितने लोग इसके पक्ष में हैं और कितने लोग इसके खिलाफ हैं। लेकिन इसके बाद शुक्रवार को सफाई देते हुए कहा था कि मैंने ओपिनियन पोल कराने की बात कही थी।

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