Chhattisgarh COVID-19

राज्यपाल, मुख्यमंत्री और गृह मंत्री शामिल हुए पुलिस स्मृति दिवस परेड में

पुलिस और सुरक्षा बलों के शहीद वीर जवानों को दी विनम्र श्रद्धांजलि

मातृभूमि की सेवा में अपना सब कुछ अर्पित करने वाले वीर जवानों की अप्रतिम शौर्य गाथा की याद दिलाता है, पुलिस स्मृति दिवस: राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके

पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों की शहादतें देश और समाज के लिए
उनका सर्वाेच्च बलिदान: भूपेश बघेल

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर चौथी बटालियन सी.ए.एफ. माना स्थित शहीद स्मारक भवन में देश की एकता और अखण्डता की रक्षा, प्रदेश एवं देशवासियों की सुरक्षा के कर्तव्य पालन में अपने जीवन का बलिदान करने वाले देश और राज्य के वीर शहीद जवानों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने वीर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आज का दिन हमें उन वीर जवानों की अप्रतिम शौर्य गाथा की याद दिलाता है, जिन्होंने मातृभूमि की सेवा के लिए अपना सबकुछ अर्पित कर दिया। ऐसे वीर सपूतों को जन्म देने वाले माता-पिता और उनके परिजनों को मैं प्रणाम करती हूं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अपने सूत्र वाक्य ‘परित्राणाय साधुनाम‘ को सचमुच सार्थक किया है। अपने प्राणों की आहुति देकर हमें सुरक्षित किया है। अपने घरों में हम सुख की नींद ले पाते हैं, क्योंकि हमारी पुलिस रात-रात भर जागकर पेट्रोलिंग करती है। उन्होंने कोविड काल में पुलिस के जवानों, महिला पुलिस कर्मियों के अपने कर्तव्य निर्वहन के प्रति जज्बे और संकल्प की सराहना की राज्यपाल ने कहा कि समाज में कानून व्यवस्था एवं शांति बनाए रखने के लिए, पुलिस के जवान हमेशा निष्ठापूर्वक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं। यह गौरव का विषय है कि छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों ने विपरीत परिस्थितियों में भी हर चुनौती का सामना बहादुरी से किया है, चाहे इसके लिए उन्हें अपने प्राणों की आहूति ही क्यों न देनी पड़ी हो। हमारे जवान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सूझबूझ के साथ नक्सलियों का सामना कर रहे हैं। सही मायने में इन क्षेत्रों में विकास की अलख जगाने के साथ-साथ वहां के भटके हुए लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य भी वे कर रहे हैं। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के सुदूर अंचलों के लोगों में चेतना आई है। विकास की रोशनी वहां तक पहुंच सके और वे देश की मुख्यधारा से जुड़ सकें, इसके लिए शासन द्वारा अनेक जनहितैषी योजनाएं एवं कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनके बेहतर क्रियान्वयन के लिए शासन एवं प्रशासन सजग है। युवाओं को शिक्षा उपलब्ध कराने एवं रोजगार से जोड़ने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। आवश्यकता इस बात की भी है कि ऐसे क्षेत्र में युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ें, जिससे वे स्वयं के साथ-साथ दूसरों को भी आय का साधन उपलब्ध करा सकें। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों की शहादत देश और समाज के लिए उनका सर्वाेच्च बलिदान है। पुलिस तथा विभिन्न सुरक्षा बलों में तैनात जवान जान की परवाह किए बिना जनता और देश की हिफाजत के लिए समर्पित होते हैं। उनका कार्य रोजगार के अन्य अवसरों से भिन्न और अधिक प्रतिष्ठित होता है। पुलिस स्मृति दिवस का अवसर देश सेवा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के सर्वाेच्च बलिदान को याद कर गौरवान्वित होने और अपने बहादुर साथियों से बिछुड़ने की याद में भावुक होने का भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोखिमपूर्ण कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए होने वाली शहादतें समाज के लिए किसी व्यक्ति का सर्वाेच्च योगदान होता है। छत्तीसगढ़ में भी नक्सलवाद प्रभावित अंचलों में सुरक्षा बल के जवानों का त्याग, समर्पण और शहादत किसी से कम नहीं हैं। श्री बघेल ने सुरक्षा बलों में तैनात जवानों के प्रति अपनी सहभागिता, शहीदों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि शहीद परिवारों की देखरेख करना केवल शासन का ही नहीं बल्कि पूरे समाज का कर्तव्य भी है। राज्य सरकार ने सुरक्षा बलों के कार्याें को सर्वाेच्च महत्व देते हुए उनके कल्याण के लिए अनेक कदम उठाए हैं। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि लद्दाख में चीनी फौज के साथ 21 अक्टूबर 1959 को हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के वीर जवानों की शहादत की याद में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। उन्होंने अमर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि राज्य सरकार बहादुर शहीद जवानों के परिवारजनों के साथ खड़ी है। राज्य सरकार ने पुलिस बल को सुविधाएं देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हमारे जवान 24 घंटे जनता की सुरक्षा में अत्यंत सूझबूझ एवं साहस के साथ नक्सलियों का सामाना कर रहे हैं, उनकी बदौलत ही हम अमन और चैन से रहते हैं। राज्य सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर माओवादी लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप नक्सली घटनाओं में 47 प्रतिशत की कमी आई है। पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ का बहुत बड़ा भाग नक्सलवाद से प्रभावित है। हमारे जवान विकट परिस्थितियों में इस चुनौती का निडरता और अद्म्य साहस के साथ सामना कर रहे हैं। इस निर्णायक लड़ाई में विगत एक वर्ष में 25 जवानों ने वीरगति प्राप्त की। उन्होंने कर्तव्य की वेदी पर शहीद होने वाले इन वीर जवानों को नमन करते हुए कहा कि वीर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने शहीदों के परिवारजनों से मिलकर संवेदना प्रकट की और उन्हें ढांढस बंधाया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह श्री सुब्रत साहू, विशेष पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी, पुलिस के जवान तथा शहीद जवानों के परिजन उपस्थित थे।

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