Chhattisgarh

पुराने चेहरों को नहीं लेना, छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल नया फार्मूला

पुराने चेहरों को नहीं लेना, छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल नया फार्मूला

लोकशन – रायपुर

छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट में खाली पड़े तीन पदों के लिए नये फार्मूले की चर्चा है। नये फार्मूले में सामने आ रही है। जो तीन नये चेहरे बताये जा रहे हैं वो तीन अलग-अलग संभागों से हैं और तीन अलग-अलग वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं। समस्या एक संभाग को लेकर है जहां से पहले से ही चार लोग मंत्रिमंडल में हैं। ऐसे में पांचवे व्यक्ति को शामिल करने से क्षेत्रीय असंतुलन जैसी बात सामने आ सकती है। ऐसा भी संभव है कि वजनदार संभाग से किसी बड़े चेहरे को ड्रॉप करके बस्तर संभाग से भरपायी की जाए। खैर जो भी हो लेकिन बिलासपुर संभाग के एक पुराने चेहरे जिनका नाम संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में मजबूती से शामिल था उस पर संशय के बादल मंडराते दिखाई दे रहे हैं। जबकि दुर्ग संभाग के ओबीसी नेता का नाम उन तीन नामों की चर्चा में शामिल है। वहीं एक नाम जिस वर्ग से सामने आ रहा है उस वर्ग से मंत्रिमंडल में एक ही नाम शामिल होता रहा है। ऐसे में उसी वर्ग के वरिष्ठ विधायक जो मंत्रिमंडल के अहम सदस्य हैं उन पर भी गाज गिर सकती है। उनके बदले रायपुर संभाग से उसी वर्ग के युवा नेता को शामिल किया जा सकता है। वहीं वर्ग विशेष के युवा विधायक को मंत्री बनाने के कारण वरिष्ठ मंत्री को ड्रॉप किया जाता है तो एक और नये चेहरे को शामिल किया जा सकता है। ऐसे में जिन तीन नामों की चर्चा है उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की स्थिति में पांच नये चेहरे सामने आ सकते हैं दो नये चेहरे वो हो सकते हैं जो वर्ग विशेष के मंत्रियों को हटाने की स्थिति में स्थान पायेंगें। जबकि तीन खाली पड़े पदों पर स्थान लेंगें।

मंत्रिमंडल विस्तार कब
ऐसा माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार 15 अगस्त के पहले हो जायेगा। लेकिन इस बात की भी पूरी संभावना है कि संभावित विस्तार 11 अगस्त के पहले होना संभव नहीं है। इसके पीछे राज्यपाल के विदेश प्रवास को बड़ी वजह बताया जा रहा है। राज्यपाल की संभावित वापसी 11 अगस्त को है। ऐसे में 15 अगस्त के पहले सिर्फ 3 दिन ही बचे हैं जब मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावना है। नहीं तो फिर 15 अगस्त के बाद कब संभावना बनेगी कहा नहीं जा सकता है । वैसे मुख्यमंत्री के दिल्ली प्रवास के बाद ऐसा माना जा रहा है कि इस बार मंत्रिमंडल का विस्तार हो ही जायेगा। अभी ये तय नहीं है कि मंत्रिमंडल का सिर्फ विस्तार ही होगा या फिर विस्तार के साथ कुछ लोगों को ड्रॉप करके और नये चेहरों को भी शामिल किया जायेगा। यदि ऐसा होता है तो मंत्रिमंडल विस्तार में पांच नये चेहरे दिख सकते हैं। वहीं मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही विधानसभा उपाध्यक्ष और बचे निगम मंडलों के पदों को भी भरा जा सकता है। हालांकि पार्टी के कुछ जिम्मेदार लोगों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार पर फिर से ग्रहण लग गया है क्योंकि पहले दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष औऱ उपराष्ट्रपति के लिए नाम तय होना बाकी है। उसके बाद ही छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल के विस्तार का नम्बर लगेगा।

भाजपा की कार्यकारिणी
जब से भाजपा की नई सरकार आयी है तब से ऐसे बहुत कम मौके आए हैं जब मुख्यमंत्री दिल्ली में हों तो राज्य के भाजपा संगठन के प्रमुख पदाधिकारी भी दिल्ली पहुंचे और बैठक हो । दो साल में शायद ये तीसरा या चौथा मौका था जब मुख्यमंत्री भी दिल्ली में थे और संगठन के प्रमुख पदाधिकारी भी । इस बार की बैठक में दोनों उपमुख्यमंत्री और राज्य के प्रभारी नहीं थे। मुख्यमंत्री के अलावा संगठन मंत्री, क्षेत्रीय संगठन मंत्री और राष्ट्रीय संगठन मंत्री के साथ ही पार्टी के सांसद बैठक में मौजूद थे। बैठक भी बिलासपुर के सांसद और केन्द्रीय मंत्री के आवास पर आयोजित थी। रात्रि भोज के साथ हुई इस बैठक में भाजपा प्रदेश संगठन की नई कार्यकारिणी पर चर्चा होने के बाद नामों को अंतिम रुप देने की बात सामने आयी है। वर्तमान में जो संगठन में पदाधिकारी हैं उनमें से अधिकांश निगम-मंडलों में जा चुके हैं। ऐसे में संगठन को सुचारु रुप से चलाने के लिए नये चेहरों को जल्द ही मौका दिया जा सकता है। नाम भी लगभग फाइनल बताए जा रहे हैं। जिन लोगों को नई कार्यकारिणी में शामिल किया जाना है उन्हें भी इस बात के संकेत मिल गए हैं। अगले हफ्ते तक नयी कार्यकारिणी के आस्तित्व में आने की संभावना है।

विदेश यात्राओं का दौर
भाजपा की डेढ़ साल से ज्यादा पुरानी सरकार के वित्त मंत्री के 15 दिनों के अमेरिकी दौरे पर हैं। वित्त मंत्री के साथ उनके विभागीय अधिकारी भी विदेश यात्रा पर गए हैं। लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा नहीं हुई है। वित्त मंत्री नई सरकार के दूसरे मंत्री हैं जो विदेश यात्रा पर गए हैं। इसके पहले उपमुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री का विदेश दौरा हो चुका है। राज्य के राज्यपाल भी अमेरिकी दौरे पर हैं। अमेरिका में एक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और वित्त मंत्री ने एक साथ शिरकत भी की है। नेता प्रतिपक्ष भी विपक्ष के दो विधायकों के साथ विदेश दौरे पर हैं। शायद ये ऐसा पहला मौका है जब राज्यपाल ,मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के साथ विपक्ष के विधायक भी एक साथ विदेश दौरे पर हैं। हालांकि सबके कार्यक्रम और व्यस्तताएं अलग-अलग हैं। वित्त मंत्री ने अपने दौरे में राज्य के निवेश को लेकर कुछ लोगों से चर्चा की है। दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में इसका सकारात्मक प्रभाव प्रदेश में देखने को मिलेगा । लेकिन जब से छत्तीसगढ़ बना है तब से लेकर आज तक अधिकारियों और नेताओं के विदेश दौरों का राज्य को कोई लाभ मिला हो ऐसा देखने में नहीं आया है । पिछली सरकारों में अधिकारी विदेशों में तरह-तरह के पुरस्कार लेने जाते रहे हैं जो विदेशी संस्थाओं द्वारा उनके कथित नवाचारों और सामाजिक परिवर्तनों के लिए दिया जाता रहा है। इन पुरस्कारों को वेंडर्स, सप्लायर्स और बड़ी कम्पनियों द्वारा अप्रत्यक्ष रुप से विदेशी संस्थाओं को पैसा देकर उनसे अधिकारियों को दिलाया जाता है। ये कम्पनियां और लोग , वो होते हैं जो अधिकारी के कार्यक्षेत्र में करोड़ों के काम करते हैं औऱ अधिकारी को उपकृत करने के लिए अपनी ओर से या अधिकारी के सुझाव पर विदेशी संस्थाओं से सम्पर्क करके सम्बन्धित अधिकारी को पुरस्कार दिलाते हैं।

गिरफ्तारी से बचने की कीमत
⁠शराब घोटाले में शामिल 29 अधिकारियों की ना तो चालान पेश करते समय गिरफ्तारी की गयी और ना ही निलम्बन के बाद। मीडिया में किरकिरी होने के बाद अधिकारियों को निलम्बित तो कर दिया गया लेकिन गिरफ्तार नहीं किया गया । अब इन अधिकारियों के गिरफ्तार ना होने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है । चर्चाओं के अनुसार 29 अधिकारियों ने 1 करोड़ प्रति अधिकारी के मान से 29 करोड़ रुपये इकट्ठा किए । इस पैसे को दो हिस्सों में बांटकर एक राजनेता और एक अधिकारी को दिए गए जिसके बाद इन सभी निलम्बित अधिकारियों को गिरफ्तार ना होने का वरदान मिल गया। जबकि इसी शराब घोटाले में एक पूर्व आबकारी मंत्री और वर्तमान विधायक , पूर्व मुख्यमंत्री का पुत्र ,एक रिटायर्ड अधिकारी और एक शराब कारोबारी सहित करीब 15 लोग जेल में हैं। शराब घोटाले में आरोपित 70 में से 15 लोगों की गिरफ्तारी और बाकी आरोपियों की आजादी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यदि पैसे कलेक्ट करके बचने की थ्योरी और चर्चा को दरकिनार कर भी दिया जाए तो भी किसी नेता या नेताओं के दबाव में ऐसा किया गया है तो इसे न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता है। ऐसा मानने का भी कोई कारण नहीं है कि इन अधिकारियों ने सिर्फ सत्ता से डरकर इस काम को अंजाम दिया। यदि सिर्फ डर से काम किया होता तो घोटाले में पैसा कमाकर सम्पत्तियां अर्जित ना करते। एजेन्सी ने इन अधिकारियों द्वारा घोटाले से अर्जित सम्पत्ति का खुलासा किया है जिससे साबित होता है कि ये सभी घोटाले में पूरी तरह से शामिल थे।

जीएसटी का जाल
नई सरकार के दूसरे बजट में जीएसटी में अनेक रियायतों की घोषणा की गयी थी। सरकार के जीएसटी विभाग का दावा है कि इससे हजारों व्यापारियों को राहत मिली है। लेकिन जिस तरह से जीएसटी के कई अधिकारी व्यापारियों का भयादोहन कर रहे हैं उससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। रायपुर में पदस्थ एक अधिकारी के भ्रष्टाचार का ऐसा आलम है कि किसी भी काम के लिए लाखों से नीचे बात ही नहीं होती है। हर मामले में डिमांड 10 पेटी से शुरु होती है। इस अधिकारी के बारे में कहा जाता है कि किसी की भी सरकार हो इसे किसी का भी डर नहीं है। वहीं विभाग में बिलासपुर में पदस्थ दो अधिकारियों में बारे में भी ऐसी ही धारणा और चर्चा है कि वे भी हर काम के लिए मोटी रकम की वसूली करते हैं। हालांकि उन्हें रायपुर में पदस्थ अधिकारी से कम भ्रष्ट और कम लालची बताया जाता है। वहीं कुछ बड़े ऐसे व्यापारी हैं जो एक बड़े अधिकारी को हर माह बड़ी रकम पहुंचाते हैं इसके बदले वे अपना 90 प्रतिशत तक कारोबार बिना जीएसटी पटाए कर रहे हैं। जीएसटी के अधिकारियों से सबसे ज्यादा परेशान छोटे और मझौले किस्म के व्यापारी हो रहे हैं।

जनसुनवाई की कीमत
इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी रुप से लागू करने पर सरकार का जोर है। साथ ही राज्य में निवेश को आमंत्रित करने के लिए बड़े-बड़े शहरों में बिजनेस मीट और रोड शो किए जा रहे हैं। लेकिन राज्य के नेता, अधिकारी और कई संगठनों के लोग औद्योगिक समूहों के कामों में अडंगे लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अडंगेबाजी की शुरुआत जनसुनवाई से होती है जिसमें आसपास के ग्रामीणों की सहमति की जरुरत होती है। ऐसे में सरपंच से लेकर विभिन्न दलों के पदाधिकारी और मीडिया के लोग अपने-अपने तरह से परेशान करते हैं। इन सब परेशानियों को देखते हुए औद्योगिक समूहों को जनसुनवाई को शांतिपूर्ण तरीके से अपने पक्ष में कराने की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। कई जिलों में अधिकारियों से लेकर नेताओं तक एक जनसुनवाई के लिए दो-दो खोखा तक पहुंचाना पड़ रहा है। इसमें कई नाम ऐसे बड़े नाम हैं जो सीधे तौर पर औद्योगिक समूहों से बात कर डील कर रहे हैं। एक जिले में ऐसे 5-6 मामलों में हर जनसुनवाई के लिए दो खोखा तक वसूलने की बात सामने आ रही है।

जेल की पोल
रायपुर सेन्ट्रल जेल में हर हफ्ते ही नये-नये काण्ड हो रहे हैं। हाल ही में जेल से छूटे कोल लेवी और डीएमएफ घोटाले के आरोपी ने कुछ समय पहले पूछताछ के लिए पहुंचे एजेन्सी के अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया था । इसके बाद जेल में कांग्रेस के युवा नेता पर ब्लेड से हमला हुआ। और अब जेल में बंद शराब घोटाले के आरोपी के बेटे का जेल में घुसकर हंगामा करना इस बात का सबूत है कि जेल प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि जेल प्रशासन को जेल में बंद आरोपी को शिफ्ट करवाने के लिए कोर्ट की शरण लेनी पड़ती है तो कभी जेल बंद आरोपी के बेटे के खिलाफ एफआईआऱ करवाकर मुलाकात पर तीन माह के लिए प्रतिबंध लगाना पड़ता है। आखिर एक आरोपी के बेटे की इतनी हिम्मत कैसे हुई कि वो जेल में घुसकर हंगामा कर सके । कहीं ना कहीं इसमें जेल प्रशासन की लचर व्यवस्था औऱ व्याप्त भ्रष्टाचार बड़ी वजह है।

अपने ही गिराते हैं नशेमन पर बिजलियां
राज्य में भाजपा की सरकार होने के बाद भी सत्ताधारी दल के लोग अपनी ही सरकार द्वारा नियुक्त कलेक्टर औऱ डीएफओ के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। बस्तर संभाग के एक जिले की कलेक्टर के खिलाफ तो संगठन के लोगों ने प्रदर्शन तक कर दिया। साथ ही मंत्रियों से भी लगातार शिकायतें कर रहे हैं। वहीं हाल ही में एमसीबी जिले के डीएफओ की कार्यप्रणाली से नाराज भाजपा और कांग्रेस के पूर्व एवं वर्तमान विधायक सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने दिनभर विरोध-प्रदर्शन किया ।बाद में डीएफओ द्वारा खेद व्यक्त करने पर किसी तरह से मामले का पटाक्षेप हुआ। इसी तरह भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी डीएमएफ को लेकर जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था ,जिसके डैमेज कंट्रोल में सरकार औऱ संगठन को काफी मशक्कत करना पड़ी।

About the author

Mazhar Iqbal #webworld

Indian Journalist Association
https://www.bbc.com/hindi

Add Comment

Click here to post a comment

Follow us on facebook

Live Videos

Breaking News

Advertisements

Advertisements

Recent Posts

Advertisements

Advertisements

Our Visitor

0682304