रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड के अंतर्गत् अन्नपूर्णा ग्राम संगठन मंदिर हसौद में 30 समूहों की 345 महिलाएं आर्थिक स्वावलंबन की राह पर अग्रसर है। समूह की महिलाओं द्वारा फ्लाई एश की ईट, पेवर ब्लाॅक एवं चैन लिंक फेंसिग का निर्माण कर आय अर्जित कर रही है। समूह की महिलाओं ने बताया कि अन्नपूर्णा ग्राम संगठन का गठन 10 अगस्त 2016 को किया गया था। संगठन में अनुसूचित जाति की 19, अनुसूचित जनजाति की 28, अन्य पिछड़ा वर्ग की 264 एवं सामान्य वर्ग की 10 महिला सदस्य शामिल है। संगठन में सभी प्रकार के संशाधनों का बेहतर उपयोग किया जा रहा है। लक्ष्य आधारित प्रबंधन से सामूहिक कार्य के निष्पादन में प्रबंधन द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जा रही है।
महिलाओं ने बताया कि फ्लाइ एश की ईंट एवं पेवर ब्लाॅक कार्य का प्रारंभ 19 जून 2018 से प्रारंभ किया गया है। उन्हें 6 ईंट हाइड्रोलिक मशीन एवं वाइब्रेट मशीन रूअर्बन मिशन से प्राप्त हुआ है। वहां 29 लाख रुपये की लागत से 24 ईंट मशीन भी लगायी गयी है जिससे रूअर्बन मिथन से 20 लाख एवं ग्राम संगठन द्वारा 9 लाख रुपये लगाया गया है। वहां 60 हजार रुपये की कलर मिक्चर मशीन एवं 1,43,000 रुपये की वाइब्रेट मशीन भी ग्राम संगठन द्वारा लगाया गया है।
महिला सदस्यों ने बताया कि वे सुबह 9 बजे से 5 बजे तक वहां कार्य करती है। प्रतिदिन 4,000 हजार ईंट एवं 2,000 से अधिक पेवर ब्लाॅक का उत्पादन कर रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 से कार्य प्रारंभ होने से अब तक लाखों में फ्लाई एश की ईंट एवं पेवर ब्लाॅक का निर्माण किया जा चुका है। वहां की उत्पादित सामाग्रियों को सरकारी योजनाओं के तहत हो रहे विकास कार्यो के साथ साथ लोगों द्वारा भी क्रय किया जा रहा है। समूह की महिला सदस्यों को प्रतिमाह एवं निश्चित आय प्राप्त हो रही है, जिससे वे अपने परिवार की जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति करने एवं बच्चों की पढ़ाई में लगा रही है। जिससे वे आर्थिक स्वावलंबन की राह पर अग्रसर हो रही है। परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरने से उनका परिवार अब आत्म सम्मान से जीने लगा है। ग्राम संगठन के कुशल संचालन के लिए प्रशासनिक, वित्तीय एवं वैधानिक प्रबंधन नियम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसका व्यवस्थित रूप से संचालन अन्नपूर्णा ग्राम संगठन मंदिर हसौद द्वारा किया जा रहा है।
आर्थिक स्वावलंबन की राह पर अग्रसर हुईं साढ़े तीन सौ महिलाएं

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