Chhattisgarh COVID-19

Simple, accessible and agile CG Revenue Administration

Raipur , 14 December 2020

General populace of the state heaves a sigh of relief as Revenue Administration related works are simple, convenient and easily accessible, no more cumbersome delays

Revenue administration plays a quintessential role in the smooth regulation of administrative affairs for people of the state. Hence, it is a major responsibility of the government to provide easy, simple and timely access to these services.
With the formation of new government in Chhattisgarh under the leadership of Chief Minister Mr Bhupesh Baghel, the regulation, simplification and enhanced accessibility of revenue administration was marked as the top priority. Simplification of revenue administration work process has given a major relief to common people, saving them from frequent visits to government office for years together to resolve their land and property related matters.
In last two years, under the guidance of Chief Minister Mr. Bhupesh Baghel, State Government’s Revenue and Disaster Management Department has worked towards strengthening the Public Service Centers. Various matters falling under the revenue administration like land registration, distribution of land, government land, diversion, registry of small land blocks have been simplified, for convenience of the general populace of the state.
In the same sequence, new revenue administrative units are being established. New sub tehsils, tehsils and sections are being carved. Fulfilling the age-old demand of the state, State Government has carved out Gaurela-Pendra-Marwahi from Bilaspur district, making the total number of districts in Chhattisgarh 28. Mr. Baghel has also launched 23 new tehsils in various districts of the state on 11th November this year. These 23 new tehsils have been formed in 15 districts of the state for the convenience of general public.
Earlier, people had to go through a cumbersome process to get caste certificates issued for their children’s education. Chief Minister took cognizance of the problem and found a permanent solution for it. Now caste certificates are instantly issued to the children based on their parents’ caste certificates. This has eased the pressure on parents to a great extent.
Chief Minister has taken a major decision of lifting the ban on sale of small plots in Chhattisgarh. The decision was welcomed with by the middle-class families of the state, as it turned their dream of owning a house into reality. Now, less than 5 decimals of land plots are being registered in the state, which has created relief for the needy and hard-working labourers, small businessmen and homeless people. Homeless families are being provided financial aid to build their houses. State’s revenue has also increased as a result of the simplified process of governance.
Government of Chhattisgarh has simplified the revenue administrative affairs and is also working towards computerizing the revenue records and making them available digitally so that people can have access to it while sitting at their homes. The Geo maps of 2 Crore, 26 lakh 8 thousand khasras from 20 thousand 89 villages, 65 lakh 43 thousand B-1 of 19 thousand villages have been made digitally available through Bhuiya and Geo map software.

सरल, सुलभ और फुर्तीला हुआ राजस्व प्रशासन

रायपुर,14 दिसम्बर 2020

किसी भी राज्य में आमजन से जुड़े प्रशासनिक काम-काज में राजस्व प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में सरकार की यह जिम्मेवारी होती है कि लोगों को सरल, सुलभ और सही समय पर इन सेवाओं का लाभ मिले। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राजस्व प्रशासन के कामकाज को सरल बनाया गया है। राज्य सरकार की इस सरलीकरण की प्रक्रिया से आमजन जो अपने जमीन-जायदाद के छोटे-छोटे से काम के लिए वर्षो कार्यालयों का चक्कर लगाते रहते थे उन्हें इससे बड़ी राहत मिली है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बीते दो साल के दौरान लोक सेवा केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के साथ ही नामांतरण, बंटवारा, नजूल भूमि, डायर्वसन, बटांकन, छोटे भू-खण्डों की रजिस्ट्री सहित अनेक राजस्व प्रकरणों के निराकरण की जटिलताओं को सरलीकृत किया गया है, जिससे लोगों को काफी सहूलियत हुई है। लोगों के राजस्व संबंधी काम अब काफी सहज और सरलता से हो रहे हैं, जिससे लोगों को फायदा हुआ है।
इसमें नई राजस्व प्रशासनिक इकाईयों का गठन किया जा रहा है। नई उप तहसील, तहसीलों और अनुभाग बनाए जा रहे है। राज्य में वर्षो पुरानी मांग को पूरी करते हुए बिलासपुर जिले से पृथक कर गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही नया जिला बनाया गया है, अब छत्तीसगढ़ 28 जिलों का राज्य बन गया है। लोगांे के राजस्व के काम उनके निवास स्थान से नजदीक में हों, इसके लिए नई तहसीलों का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस वर्ष 11 नवम्बर को राज्य के विभिन्न जिलों में 23 नई तहसीलों का शुभारंभ भी किया है। इन 23 नवीन तहसीलों का गठन राज्य के 15 जिलों में जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
इसी तरह लोगों को अपने बच्चों की शिक्षा के लिए जहां जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था वहीं मुख्यमंत्री ने लोगों की परेशानी को समझा और इसका स्थायी हल निकाला है। अब जिन माता-पिता के पास जाति प्रमाण पत्र है, उनके बच्चों को जन्म लेते ही जाति प्रमाण पत्र प्रदाय करने का काम प्रदेश में किया जा रहा है। इससे लोगों को अब कार्यालयांे का चक्कर लगाने की आवश्यकता नही पड़ती।
मुख्यमंत्री ने एक अहम निर्णय लेतेे हुए छत्तीसगढ़ में छोटे भूखण्डों की खरीद बिक्री पर लगी रोक जैसे ही हटायी वैसे ही मध्यम वर्गीय परिवारों के चेहरे खिल उठे और उनका अपना स्वयं के आशियाना का सपना साकार हो उठा। राज्य में अब 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री की जा रही है। इससे राज्य के जरूरत मंद छोटे मेहनत मजदूरी करने वाले, छोटे व्यावसायी और आवासहीन जरूरत मंदों को काफी राहत मिली है। आवासहीन परिवारों को आवास बनाने मदद दी जा रही है। सरकार के कामकाज की सरलीकृत प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप राज्य के राजस्व में भी वृद्धि हुई है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्व प्रशासनिक कामकाज के सरलीकरण के साथ ही राजस्व अभिलेखों के कम्प्यूटरीकृत कर उन्हें ऑनलाईन भी कर रही है ताकि लोग अपने घर बैठे ही अभिलेखों को देख और इसे प्राप्त कर सके। राज्य के कुल 20 हजार 89 ग्रामों के करीब दो करोड़ 26 लाख 8 हजार खसरे, 65 लाख 43 हजार बी-1 एवं 19 हजार ग्रामों के डिजिटाईज्ड नक्शा शीट भुईंया एवं भू नक्शा साफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाईन किया गया है। ई कोर्ट व्यवस्था के अंतर्गत राजस्व प्रकरणों को ऑनलाईन दर्ज कर करीब 5 लाख 18 हजार राजस्व प्रकरणों का निराकरण कर उनकी ऑनलाईन प्रविष्टिी भी की गई है। ई-कोर्ट के तहत राजस्व न्यायालय में संधारित मैनुअल दायरापंजी को भी अब ऑनलाईन कर दिया गया है। ई-कोर्ट प्रणाली से राजस्व प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से किया जा रहा है। राज्य सरकार के इन फैसलों से आमजन काफी राहत महसूस कर है।

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