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मुख्यमंत्री बघेल ने ’इंदिरा प्रियदर्शिनी नेचर सफारी मोहरेंगा’ का किया लोकार्पण

प्रकृति का संरक्षण और सुरक्षा बहुत जरूरी: भूपेश बघेल

रायपुर शहर से 40 किलोमीटर दूर खरोरा-तिल्दा मार्ग पर 555 हेक्टेयर में विकसित की गई है सफारी

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रीमती इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को ’इंदिरा प्रियदर्शिनी नेचर सफारी मोहरेंगा’ के रूप में एक और पर्यटन स्थल की सौगात मिली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेचर सफारी का लोकार्पण किया। वन विभाग द्वारा राजधानी रायपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर खरोरा-तिल्दा मार्ग पर स्थित मोहरेंगा वन क्षेत्र में 555.850 हेक्टेयर में यह उत्कृष्ट नेचर सफारी विकसित की गई है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज ग्लोबल वार्मिंग जैसी विश्वव्यापी समस्या से निजात पाने के लिए प्रकृति को बचाकर रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने वन विभाग द्वारा विकसित नेचर सफारी मोहरेंगा की सराहना की और इसे वन्यप्राणी के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण सहित पर्यटन के विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को प्रकृति, वन्यप्राणी, जैव-विविधता और आदिवासी समाज से बहुत लगाव था। उनकी जयंती पर राजधानी के समीप इंदिरा प्रियदर्शनी नेचर सफारी मोहरेंगा के लोकार्पण पर मुख्यमंत्री ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि नेचर सफारी- मोहरेंगा पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ वनों की सुरक्षा की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।
इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि ’इंदिरा प्रियदर्शिनी नेचर सफारी मोहरेंगा’ के विकास से राज्य में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। इससे वन्यप्राणियों के संरक्षण में भी सहूलियत होगी। उन्होंने बताया कि नेचर सफारी मोहरेंगा के हरे-भरे वनों में साजा, खैर, तेंदू, सेमहा, चार, बेल, धावड़ा, आंवला, बरगद, इमली, महुंआ, अर्जुन और बांस प्रजातियों के वृक्ष विद्यमान हैं। इस क्षेत्र में वन्य प्राणियों के लिए चार तालाब निर्मित किए गए हैं। साथ ही नेचर सफारी में चार मंजिला वॉच टावर, पैगोडा, बायोडायवर्सिटी हॉल और भव्य प्रवेश द्वार के साथ पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाएं विकसित की गई हैं। सफारी के भ्रमण के लिए जिप्सी की व्यवस्था विभाग द्वारा की गई है, जिसमें पर्यटक नेचर सफारी का आनंद ले सकेंगे। नेचर सफारी के जंगल में पर्यटक प्राकृतिक परिवेश में 30 से 40 प्रजातियों के पक्षियों सहित चीतल, जंगली सुअर, खरगोश, सियार, लोमड़ी, बन्दर, नेवला, अजगर आदि वन्यप्राणियों, को देख सकेंगे। इस सफारी में औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय, विधायक अनिता शर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में विधायक अनूपनाग, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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