Chhattisgarh

महात्मा गांधी के राष्ट्रवाद में सभी के लिए है स्थान :भूपेश बघेल

सीएम का गांधी विचार पदयात्रा में देखने मिला गजब उत्साह, न तपती धूप की थी परवाह, न बारिश से रुके कदम, निरंतर चलते रहे और कारवां जुड़ते गया

रायपुर। डूंडा में मुख्यमंत्री भाषण दे रहे थे, बारिश हो रही थी। कुछ देर बाद बारिश कम भी हो गई। भाषण समाप्त करने के बाद गांधी विचार पदयात्रा अब राजधानी की ओर बढ़ चुकी थी। पदयात्रा में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ दिग्गज नेता-मंत्री को लेकर प्रदेश का मुखिया भूपेश बघेल का कारवां आगे बढ़ते गया। इसके पहले जहां तेज धूप में भी उनके कदम नहीं रूके, ठीक वैसे ही आज पहले बूंदाबांदी फिर तेज बारिश में वे निरंतर चल रहे थे। हालांकि तेज बारिश के दौरान अधिकारी छाता लेकर उनकी ओर जरूर बढ़े, लेकिन सीएम उन हाथों को ये कहते हुए रोक दिया, रहने दीजिए, हमारा कारवां यूं ही चलेगा।
गांधी विचार पदयात्रा डूंडा, संतोषी नगर, संजय नगर, कालीबाड़ी होते हुए गांधी मैदान पहुंची। इस दौरान सीएम ने करीब 15 से 20 किलोमीटर की यात्रा पैदल, बारिश में भीगते हुए बिना रुके अनवरत चलते रहे। हालांकि बीच-बीच में लोगों ने अपने मुखिया का स्वागत फूल-माला से किया। इस दौरान महिलाएं प्लास्टिक बैन का संदेश देते हुए झोला लेकर पहुंची। सीएम ने उनसे एक झोला लेकर उन्हें गांधी के विचारों को अपनाने के लिए धन्यवाद दिया।

महात्मा गांधी के राष्ट्रवाद में सभी के लिए है स्थान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के राष्ट्रवाद में समाज के हर वर्ग के लिए स्थान है। उनके राष्ट्रवाद में कमजोर से कमजोर व्यक्ति की असहमति का भी सम्मान है। महात्मा गांधी का राष्ट्रवाद हमारे संत, महात्माओं, महान विचारकों, महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध, गुरूनानक, कबीर, बाबा गुरू घासीदास जैसी विभूतियों के विचारों से प्रभावित है। मुख्यमंत्री आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ‘गांधी विचार पदयात्रा’ के सातवें दिन रायपुर जिले के डूंडा में एक विशाल आमसभा को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने आमसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ के ग्राम कंडेल में प्रथम सविनय अवज्ञा आंदोलन हुआ था। यहां किसानों पर अंग्रेजों द्वारा सिंचाई कर लगाने के निर्णय के विरोध में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्री बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव के नेतृत्व में कंडेल नहर सत्याग्रह किया गया। किसानों ने अंग्रेजों द्वारा लगाया गया सिंचाई कर देने से इंकार कर दिया था। इस नहर सत्याग्रह में शामिल होने के लिए महात्मा गांधी कंडेल आने वाले थे। यह सूचना मिलने पर अंग्रेजों को सिंचाई कर हटाना पड़ा। कंडेल नहर सत्याग्रह की स्मृति को चिरस्थायी बनाने और गांधी के विचारों को जन.जन तक पहुँचाने के लिए कंडेल से ‘गांधी विचार पदयात्रा’ प्रारंभ की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने किसानों, मजदूरों की लड़ाई लड़ी। नारी शिक्षा, नारी उत्थान और स्वावलम्बन के लिए काम किया। उन्होंने सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर देश को आजादी दिलाई। महात्मा गांधी के इस रास्ते पर चलकर दुनिया के अनेक देशों ने स्वाधीनता पायी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी की स्मृति में विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आयोजित किया गया और 4 अक्टूबर से गांधी जी के विचारों और आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कंडेल से ‘गांधी विचार पदयात्रा’ प्रारंभ की गई।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चल रही है। राज्य सरकार ने किसानों का कर्जा माफ किया, किसानों को देश में सबसे अधिक 2500 रूपए प्रति क्विंटल धान का मूल्य दिया। तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर बढ़ाकर चार हजार रूपए प्रतिमानक बोरा किया। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में डूंडा से पदयात्रा में कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, विधायक मोहन मरकाम, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए। जगह-जगह लोगों ने मुख्यमंत्री और पदयात्रियों का अभूतपूर्व स्वागत किया।

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