कमीशनखोरी के लिये अट्टालिकाओं का निर्माण करने वाली रमन सिंह सरकार ने किसान और धान के लिये क्यों कुछ नहीं किया?
आधी अधूरी जानकारी को लेकर लगाये जा रहे भाजपा के आरोप गलत एवं निराधार है
रायपुर/21 नवंबर 2020। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि धान की बर्बादी पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले भाजपा नेता जवाब दें कि छत्तीसगढ़ में 15 साल सरकार चलाने के दौरान भाजपा सरकार ने धान को सुरक्षित भंडारण के लिये कितने गोडाउन का निर्माण करवाया था? 15 साल में कमीशनखोरी के लिये बिना आवश्यकता के सिर्फ कमीशनखोरी की नियत से बड़ी-बड़ी अट्टालिकायें बनाने वाली तत्कालीन रमन सरकार ने धान के सुरक्षित भंडारण के लिये कोई योजना क्यों नहीं बनाया? धान की रक्षा के लिये कोई निर्माण क्यों नहीं करवाया? भाजपा की रमन सिंह सरकार ने 15 साल धान को संरक्षित करने और धान खरीदी को सुव्यवस्थित करने की कोई व्यवस्था क्यों नहीं बनाई? कांग्रेस सरकार तो धान को सुरक्षित करने के लिये चबूतरे बना रही है। कांग्रेस सरकार में तो स्थिति बहुत बेहतर है। भाजपा शासनकाल में तो इससे ज्यादा धान बारिश में भीगने और सड़ने से खराब हो जाता था।
रमन सिंह के शासनकाल में उपार्जित धान के खराब होने का विवरण जारी करते हुये संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि वर्ष 2019-20 में कुल उपार्जित 83.94 लाख मे.टन धान में से 78.80 लाख मे. टन (94.3 प्रतिशत) धान का निराकरण किया जा चुका है। शेष 5.14 लाख मे.टन धान का निराकरण जारी है, जिसे 15 दिसंबर 2020, तक निराकृत कर लिया जायेगा। संपूर्ण धान के निराकरण हुये बिना ही सूखत अथवा खराब धान की मात्रा को लेकर भाजपा नेताओं का बयान आधारहीन और कोरी बयानबाजी है। कांग्रेस सरकार का प्रयास है कि खराब धान की मात्रा न्यूनतम रहे। विगत सत्र के धान का निराकरण लगातार जारी है। आधी अधूरी जानकारी को लेकर लगाये जा रहे भाजपा के आरोप गलत एवं निराधार है।
क्र.
खरीफ वर्ष
उपार्जित धान की मात्रा (लाख टन में)
खराब हुये धान की मात्रा (टन में)
1
2011-12
59.72
50841
2
2012-13
71.36
100381
3
2013-14
79.72
78161
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में कुल 83.94 लाख मे.टन धान का उपार्जन किया गया जिसमें से 51.70 लाख में. टन धान सीधे समितियों से मिलर को प्रदाय किया जो कुल धान उपार्जन का 62 प्रतिशत है। विगत वर्षो में कुल उपार्जित धान के विरूद्व मिलरो द्वारा उठाव का प्रतिशत एवं धान की मात्रा जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि समितियों से सर्वाधिक मात्रा में धान का सीधा उठाव इस वर्ष किया गया है, जिसके कारण शासन को परिवहन राशि की बचत भी हुई है। कांग्रेस सरकार द्वारा सफलतापूर्वक सुव्यवस्थित रूप से धान की खरीदी से भाजपा नेताओं को स्वाभाविक रूप से पेट में पीड़ा हो रही है। अगर भाजपा की सोच सही होती तो भाजपा आगे आकर कांग्रेस सरकार की सफलता को स्वीकार करने का नैतिक साहस प्रदर्शित कर लें।
क्रं.
खरीफ वर्ष
उपार्जित धान की मात्रा (लाख टन में )
समितियों से सीधे उठाव की मात्रा (लाख टन में )
1
2016-17
69.59
41.25
2
2017-18
56.88
41.45
3
2018-19
80.38
47.40
4
2019-20
83.94
51.70
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 2500 रू. धान का दाम देने वाली कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ भाजपा नेताओं का दुष्प्रचार सीधे-सीधे जनता की आंखो में धूल झोकने की कोशिश है। धान खरीदी पर भाजपा किस मुंह से बोल रही है? भाजपा को किसानों और ग्रामीण मतदाताओं से अब कोई समर्थन इसलिये नहीं मिलेगा क्योंकि छत्तीसगढ़ के लोग भाजपा के किसान विरोधी, गरीब विरोधी चरित्र, मजदूर विरोधी चरित्र को बखूबी समझ चुके है।
किसान और धान का सम्मान की बड़ी बड़ी बाते करने वाले भाजपा नेताओं से प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर अनुमानित धान उपार्जन हेतु लगभग 3.50 लाख गठन नये बारदानों की आवश्यकता के विरूद्ध जूट कमिश्नर, कोलकाता के माध्यम से भारत सरकार द्वारा केवल 1.45 लाख गठन नये बारदाने ही क्यो उपलब्ध कराये जा रहे है? शेष बारदानों की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जा रही है।
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