छत्तीसगढ़िया एकता मंच ने जताया आभार
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमारी राजभाषा छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है । जिसके लिए पंजीकृत संस्था छत्तीसगढ़िया एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष तरुण कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए आभार जताया हैं ।
छत्तीसगढ़िया एकता मंच के प्रदेशाध्यक्ष तरुण कौशिक ने कहा कि हमारी पंजीकृत संस्था शुरुआत से ही राजभाषा छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए लगातार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल ,मुख्यमंत्री को पत्र लिखते रहे । जिस पर कागजी कार्रवाई की जाती रही लेकिन पहली बार छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने व्यक्तिगत रुप से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राजभाषा छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की हैं जो प्रशंसनीय हैं । इस कार्य के लिए छत्तीसगढ़िया एकता मंच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ह्रदय से धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हैं ।
वहीं इन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील की हैं कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ी भाषा का घोर उपेक्षा होते आ रहा हैं क्योंकि 28 नवंबर 2007 में राज्य के जनभाषा, राज्य भाषा छत्तीसगढ़ी को विधानसभा में राजभाषा का दर्जा दिया गया हैं फिर भी सरकारी कामकाज का भाषा अभी तक नहीं बन पाया हैं।
संविधान में लिखा गया हैं एवं राष्टपिता महात्मा गांधी जी ने कहा हैं कि मातृभाषा के माध्यम से बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देना चाहिए जो नाम मात्र के लिए हमारे प्रदेश में पालन किया जा रहा हैं ,जिसमें कई प्राथमिक विद्यालयों में छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई भी नहीं कराया जा रहा हैं । छत्तीसगढ़ी आपके और हम सबके मातृभाषा हैं । तभी सही ढ़ंग से स्कूलों में इस माध्यम से पढ़ाई – लिखाई नही हो रहा हैं जो हम छत्तीसगढ़ियों के लिए बहुत बड़ी शर्म की बात है ।
छत्तीसगढ़िया एकता मंच के प्रदेशाध्यक्ष तरुण कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में यह बात लाते हुए कहा हैं कि वर्ष 2013 से पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में छत्तीसगढ़ी भाषा में स्नातकोत्तर के पढ़ाई – लिखाई छत्तीसगढ़ी माध्यम से चालू हो चुका हैं और कोर्स पूरा करके अभी तक 300 से अधिक विद्यार्थी पास होकर छत्तीसगढ़ी के मास्टर डिग्रीधारी बन गए है।
प्रदेश के छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी संविधान की आठवी अनुसूची में हमारी राजभाषा छत्तीसगढ़ी बाद में नियमानुसार शामिल होते रहेंगे लेकिन अभी तो प्रदेश के राज भाषा छत्तीसगढ़ी में रोजी-रोजगार के साथ ही सरकारी काम-काज एवं नियमित पढाई-लिखाई के भाषा बनाने की मांग करते हैं ताकि हम छत्तीसगढ़ी भाषा के राजदूतों को रोजगार के माध्यम से छत्तीसगढ़ी भाषा के संरक्षण, संवर्धन एवं इस भाषा को विश्व के पटल में ब्रैंडिंग कराने में हम सब कामयाब हो सके।
छत्तीसगढ़ी भाषा को प्राथमिकता से आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को आज मैंने पत्र लिखा है।@PMOIndia pic.twitter.com/SMGs7ZK21t
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 15, 2020
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