छत्तीसगढ़ में घोर अव्यवस्था
छत्तीसगढ़ में कोरोना के मरीज दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं और यहां कोई व्यवस्था नाम की चीज ही नहीं है। क्वारन्टीन सेंटर नाम मात्र का है जहां देखो वहां अव्यवस्था कहीं दाल नहीं ,तो कहीं सब्जी नहीं, कहीं पर पुलिस नहीं कोई राजस्व अधिकारी नहीं, कई जगह क्वारणटाईंन सेंटर में लोग बाहर शराब पीने के लिए जा रहे हैं ,तो कहीं झगड़ा लड़ाई हो रहा है ,तो कहीं झाड़-फूंक बैगा गुनिया को बुला रहे हैं। तो काहे का क्वारणटाइनसेंटर भूपेश बघेल जी आप अपने लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेज कर दिखा लीजिए वास्तविकता कुछ और है। आपके कलेक्टर सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं, व्यवस्था नहीं देख रहे हैं। आप के लोग सिर्फ व्हाट्सएप और फेसबुक पर ही सक्रिय हैं ,धरातल पर जा कर देखिए लोग कितना परेशान और त्रस्त हैं ।करोना से लोग सतर्कता बरत रहे ,लेकिन आपके को रनटाइम सेंटर में कोई सुविधा नहीं है और नहीं कोई सतर्कता है। लोग भगवान भरोसे ही हैं। आई एन एस के सर्वे ने आपको लोकप्रिय बताया है। 82 परसेंट लोग पसंद करते हैं ,जबकि राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ में मात्र 5% लोग ही पसंद करते हैं ,यह कैसी विडंबना है यह कौनसा प्राइवेट सर्वे है जिस की सूची में गैर भाजपा शासित राज्य के ही नाम नही है। कौन विश्वास करेगा इससे सर्वे पर। जबकि छत्तीसगढ़ में किसान त्रस्त हैं,व्यापारी त्रस्त हैं ,मजदूर त्रस्त है। किसानों के धान खरीद नहीं रहे हैं किसान मजबूर होकर अपना धान अन्यत्र बेच रहे हैं। अपने घोषणापत्र पर जब घोषणा कर ही दिए थे कि ₹2500 क्विंटल धान का ,किसानों को दिया जाएगा फिर बाद में राजीव किसान न्याय योजना लागू करने की जरूरत ही क्यो पड़ी? उद्योग पतियों को कोरोना के नाम से मुख्यमंत्री सहायता कोष में पैसा जमा करने के लिए विवश किया जा रहा है। गंगाजल की कसम खाने वालों और कितना झूठ बोलेंगे ,?हिंदू लोग गंगा मैया को पवित्र मानते हैं, और उसकी झूठी कसम नहीं खाते पर कांग्रेसकुर्सी के लिए गंगा मैया की भी झूठी कसम खाई है ।कॅरोना जैसी बीमारी को मजाक समझ लिया गया है कहीं पर भी कोई व्यवस्था ही नहींहै लॉकडाउन नही है आपने स्कूलों को खोलने का आदेश दे दिया इसका मतलब कांग्रेस गंभीरता से इस बीमारी को नहीं ले रही हैं। सरकार सिर्फ अधिकारियों का तबादला पे तबादला ही कर रही है, लोग एक जगह टिकेंगे नहीं तो क्या काम करेंगे*?
तबादला नीति को छोड़कर कोरोना पर ध्यान दीजिए करोना के लिए जो नियम बनाए गए हैं लगता है वह सिर्फ छोटे लोगों के लिए ही है बड़े अधिकारी और नेताओं के लिए नहीं है ।माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन है छत्तीसगढ़ में को रनटाइम सेंटर की व्यवस्था को दुरुस्त करें ।
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