सोमवार को हुई इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट
इससे पहले अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के लिए सोमवार अबतक का सबसे खराब दिन नजर आया. कच्चे तेल की कीमतों में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली. कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर मांग घटने से कच्चे तेल की कीमत सोमवार को शून्य डॉलर/बैरल से भी नीचे चली गयी क्योंकि कोई व्यापारी फिलहाल कच्चा तेल खरीदकर उसे अपने पास रखने की स्थिति में नहीं है. सोमवार को दोपहर बाद के कारोबार में वॉल स्ट्रीट में शेयर भी लुढ़क गये. एस-एंड-पी 500 में 0.9 प्रतिशत की गिरावट आयी. लेकिन सबसे ज्यादा ड्रामा कच्चा तेल के बाजार में हुआ. अमेरिका में कच्चे तेल की कीमतें मंगलवार को निचले स्तर से वापसी कर शून्य से ऊपर पहुंच गईं. इससे पहले तेल का वायदा शून्य से नीचे कारोबार कर रहा था. मई डिलीवरी के लिए यूएस बेंचमार्क वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट की कीमत सोमवार को पहली बार शून्य से नीचे गिरी. मंगलवार को मई डिलीवरी के लिए कारोबार की अंतिम तिथि है. ऐसे में सोमवार को बाजार में कच्चा तेल की कीमत शून्य से नीचे 37.63 डॉलर/बैरल पहुंच गयी थी. यह अब 0.56 प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है.
सोमवार को पहली बार शून्य से नीचे
जहां मई डिलीवरी अमेरिकी कच्चा तेल की कीमत शून्य से नीचे 3.70 डॉलर/बैरल पहुंच गयी. दरअसल, मई डिलीवरी के सौदे के लिये मंगलवार अंतिम दिन है और व्यापारियों को भुगतान करके डिलीवरी लेनी थी. लेकिन मांग नहीं होने और कच्चा तेल को रखने की समस्या के कारण कोई डिलीवरी लेना नहीं चाह रहा है. यहां तक कि जिनके पास कच्चा तेल है, वे पेशकश कर रहे हैं कि ग्राहक उनसे कच्चा तेल खरीदे. साथ ही वे उसे प्रति बैरल 3.70 डॉलर की राशि भी देंगे. (इसी को कच्चे तेल की कीमत शून्य डॉलर/बैरल) से नीचे जाना कहते हैं.) वहीं, एएफपी की खबर के अनुसार, मई डिलीवरी के लिए यूएस बेंचमार्क वेस्ट टेक्सास इंटरमिडिएट की कीमत सोमवार को पहली बार शून्य से नीचे गिरी.
कोरोना वायरस संकट के कारण कच्चे तेल की मांग में कमी
एजेंसी की खबर के अनुसार, मंगलवार को मई डिलीवरी के लिए कारोबार की अंतिम तिथि है. ऐसे में सोमवार को बाजार में कच्चा तेल की कीमत शून्य से नीचे 37.63 डॉलर/बैरल पहुंच गयी. मई डिलीवरी कच्चा तेल के दाम में गिरावट के लिए तकनीकी कारण बताया जा रहा है, जैसे-मई डिलीवरी की तारीख नजदीक है इसलिए उसमें लेन-देन कम हो रही है. कोरोना वायरस संकट के कारण कच्चे तेल की मांग में कमी आयी है और तेल की सभी भंडारण सुविधाएं भी अपनी पूर्ण क्षमता पर पहुंच चुकी हैं.
तीन सप्ताह के भीतर कच्चे तेल के सभी टैंक भर जाएंगे
एस-एंड-पी ग्लोबल प्लैट्स के मुख्य विश्लेषक क्रिस एम. के अनुसार, तीन सप्ताह के भीतर कच्चे तेल के सभी टैंक भर जाएंगे. अमेरिकी कच्चा तेल की जून डिलीवरी में भी 14.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है, फिलहाल इसकी कीमत 21.32 डॉलर प्रति बैरल है. ब्रेंट कच्चा तेल की कीमत 1.78 डॉलर घट कर 26.30 डॉलर/बैरल पहुंच गयी है. आपको बता दें कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर कोरोना का असर पड़ा है.
Add Comment