सार्वजनिक स्थलों पर मास्क लगाना अनिवार्य
कार्य स्थल, दुकानों पर हाथ धुलाई, सेनीटाइजर की व्यवस्था रखने के निर्देश
जगदलपुर 20 अप्रैल 2020/ बस्तर कलेक्टर एवं जिला दंड़ाधिकारी डाॅ. अय्याज तम्बोली द्वारा भारत सरकार गृह विभाग के निर्देशानुसार लाॅकडाउन अवधि को बस्तर जिले में 03 मई 2020 तक बढ़ाई गई है। बस्तर जिले को कोरोना संक्रमित क्षेत्रों के ग्रीन जोन में सम्मिलित किया गया है। ग्रीन जोन घोषित किए जाने के कारण जिले के आमजनों की सुविधा के दृष्टिगत 20 अप्रैल 2020 से लाॅकडाउन शिथिलीकरण किया गया है जिसमें सभी अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, दवा दुकानें, फार्मेसी, लेबोरेटरी, पशु चिकित्सालय, पशु चिकित्सा से संबंधित गतिविधि, कृत्रिम गर्भाधान इनसे संबंधित आवष्यक सप्लाई चेन, संबंधित निर्माण, आॅक्सीजन प्लांट, अस्पताल से संबंधित निर्माण कार्य, एंबुजेंस तथा स्वास्थ्यकर्मियों का परिवहन एवं संस्थाओं का संचालन किया जाएगा।
कृषि एवं संबंधित गतिविधियों द्वारा कृषकों और कृषि कार्य, वनोपज के क्रय-विक्रय से संबंधित गतिविधियां, मंडी एवं उपमंडी तथा मंडी से लायसेंस प्राप्त क्रेता-विक्रेता, कृषि समितियां, कृषि से संबंधित मषीनरी एवं कलपुर्जे विक्रय की स्थापनाएं, खाद, बीज एवं कीटनाशक से संबंधित दुकान के संचालन की अनुमति होगी। हैचरी, एक्वेरियम से संबंधित दुकानें, मस्त्य उत्पादन से संबंधित कोल्ड चेन एवं विक्रय, पोल्ट्री से संबंधित खाद्य का विक्रय की अनुमति होगी। काजू एवं अनाजों की प्रसंस्करण प्रक्रिया, राईस मिल, डेयरी, दूध, संग्रहण, प्रोसेसिंग, गौषाला, कांजी हाउस, पशु आहार का परिवहन एवं संग्रहण की अनुमति होगी।
वित्तीय संस्थान में सभी बैंक, एटीएम, बीमा कंपनी, च्वाईस सेंटर से संबंधित सुविधा केन्द्र, बैंक सखी, डाकघर के संचालन की अनुमति होगी। गुड्स एवं कार्गो में सभी प्रकार के सामानों के परिवहन की अनुमति होगी। इनमें किसी भी प्रकार से मानव परिवहन वर्जित होगा। सभी प्रकार के कुरियर सर्विसेस, डोर-टू-डोर डिलीवरी की अनुमति होगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अनुसार टोल प्लाजा 20 अप्रैल 2020 से प्रारंभ होगा। टोल प्लाजा पर आवष्यक मास्क, सेनीटाइजर की व्यवस्था सनिष्चित करते हुए सामाजिक दूरी के मानकों का पालन करना होगा।
निर्माण कार्य में मनरेगा के संबंधित कार्यो को जारी रखे जाएंगे। प्राथमिकता से नरवा से संबंधित कार्य किये जाएंगे। सड़क निर्माण, सिंचाई योजना, ग्रामीणा क्षेत्र के सभी प्रकार के निर्माण कार्य (एनएमडीसी, रेलवे) शामिल है। निर्माण कार्य के लिए क्रेशर, रेत खदान के संचालन की अनुमति होगी। सीमेंट एवं हार्डवेयर से संबंधित दुकानों को सप्ताह में 02 दिन (सोमवार एवं गुरूवार) को खोला जा सकेगा। उन्हें भी समय की पाबंदी होगी। शहरी क्षेत्र जहां लेबर इन हाउस है, वहां कार्य करने की पृथक से अनुमति प्राप्त किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में ईट भट्टा के संचालन की अनुमति होगी।
अन्य आवश्यक कार्यालय में पुलिस, वन, नगर सेना, अग्निषमन सेवा, आपदा, जेल, नगर निगम के कार्यालयों के संचालन पर प्रतिबंध नहीं होगा। इन कार्यालयों के अतिरिक्त विभाग प्रमुखों को 33 प्रतिषत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ कार्यालयीन कार्य करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक प्रक्रिया का संचालन किया जा सकेगा। पर्यटन स्थलों को प्रारंभ करना प्रतिबंधित होगा। सार्वजनिक परिवहन प्रतिबंधित होगा। भवन निर्माण से संबंधित कारपेंटर, प्लमबींग, पेटिंग, ए.सी., कुलर मरम्मत, टायर पंचर दुकान, गैरेज, गैस चूल्हा रिपेरिंग से संबंधित स्थापनायें को प्रारंभ किया जा सकेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ढ़ाबों का संचालन सामाजिक दूरी, टेक अवे सिस्टम आधार पर किया जा सकेगा।
उक्त स्थापनायें को शर्तो के अधीन संचालित की जा सकेगी। ग्रामीण क्षेत्र में जीवनावष्यक वस्तुओं की दुकान खोलने एवं बंद करने की पूर्व में घोषित समय-सीमा समाप्त की जाती है। शहरी क्षेत्र के लिए जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकान खोलने एवं बंद करने की अवधि पूर्ववत रहेगी। सार्वजनिक स्थलों पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा। सभी स्थापनाओं के संचालनकर्ता को कर्मचारियों हेतु मास्क की व्यवस्था करनी होगी। सार्वजनिक स्थल पर सभी कार्यवाही को 01 मीटर से अधिक की सामाजिक दूरी रखकर अंजाम दिया जाना होगा। सार्वजनिक स्थलों पर थूकना प्रतिबंधित होगा। थूकने पर 500 रूपए जुर्माना अधिरोपित किया जाएगा। जुर्माना जमा करने के लिए नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग के कर्मचारियों को अधिकृत किया जाता है। कार्य स्थल, दुकानों पर हाथ धुलाई, सेनीटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करना होगा। सार्वजनिक स्थलों-कार्यस्थल पर बड़ी संख्या में एकत्र होगा प्रतिबंधित होगा। किसी भी गतिविधि के लिए जिले के बाहर श्रमिकों को लाना ले जाना प्रतिबंधित होगा। जिले के भीतर भी बड़ी संख्या में श्रमिकों का परिवहन नहीं किया जाएगा। यथासंभव स्थानीय व्यक्तियों से कार्य संचालन किया जाएगा और निर्माण स्थलों पर मजदूरों हेतु रूकने की व्यवस्था करनी होगी।
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