भोपाल । हनीट्रैप सेक्स कांड की महिला
किरदारों की जद में सिर्फ मध्य प्रदेश के ही नेता, नौकरशाह और कारोबारी नहीं आए हैं, बल्कि उनका जाल छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गोवा तक फैला हुआ था। छत्तीसगढ़ के नेताओं ने तो इन महिलाओं को हवाला के जरिए और सीधे भोपाल तक रकम भेजने का काम किया है। हनीट्रैप सेक्स कांड का खुलासा इंदौर में दो महिलाओं के पकड़े जाने के बाद हुआ। उसके बाद पुलिस और एटीएस ने तीन और महिलाओं को भोपाल से पकड़ा। एसआईटी कई महत्वपूर्ण लोगों से जुड़े विडियो क्लिप से लेकर दूसरे लेन-देन के दस्तावेज बरामद कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार, एसआईटी के हाथ लगी एक डायरी में खुलासा हुआ है कि छत्तीगसढ़ के तीन पूर्व मंत्री, दो अफसरों और कारोबारी को अपने जाल में फंसाकर महिलाओं ने मोटी रकम वसूली थी।
इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह को तीन करोड़ रुपए के लिए ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार महिलाओं की डायरी कई अहम और सनसनीखेज खुलासे कर रही है। महिलाओं ने पूछताछ में भी स्वीकार किया कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नेताओं के आपत्तिजनक वीडियो को तीस करोड़ रुपए में बेचने की कोशिश की गई थी, लेकिन वह सौदा नहीं हो पाया। ऐसा इसलिए की वीडियो खरीदने के लिए जो राजनीतिक दल तैयार हुआ था, वह छह करोड़ रुपए से अधिक देने को तैयार नहीं था। इससे यह साफ हो गया कि आरोपियों ने सेक्स विडियो का इस्तेमाल सिर्फ जाल में फंसे नेताओं और अधिकारियों को ब्लैकमेल करने तक के लिए नहीं किया था। इंदौर पुलिस ने ब्लैकमेल करने के आरोप में पांच महिलाओं और उनके एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर लिया था। रिमांड अवधि के दौरान मामले की जांच करने वाली एसआईटी उन्हें लेकर भोपाल और अन्य ठिकानों पर गई थी।
कीमत को लेकर सौदेबाजी भी हुई
कीमत को लेकर सौदेबाजी भी हुई थी, लेकिन सौदा पट नहीं पाया था। वीडियो खरीदने के लिए तैयार राजनीतिक दल पांच करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं दे रहा था। बाद में उस राजनीतिक दल के नेता छह करोड़ तक देने के लिए राजी हुए थे। जांच से जुड़े अफसरों की माने तो पकड़ी गई महिलाओं को इस बात का गुमान था की राजनीतिक दलों से जुड़े लोग उनके वीडियो मनचाही कीमत में खरीद लेंगे, क्योंकि इनके जरिए दूसरे दल के नेताओं की छवि को प्रभावित किया जा सकता था। महिलाओं ने पूछताछ में भी कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन हो गया था।
पकड़ी गई महिलाओं के ठिकानों से एसआईटी को एक डायरी मिली है। उस डायरी में महिलाओं के गुनाह और नेताओं के असली राज छुपे हुए हैं। महिलाओं ने पूछताछ में स्वीकार किया की हमने लोकसभा चुनाव से पहले वीडियो बेचने की कोशिश की थी। मकसद यह था कि कोई भी राजनीतिक दल इसके लिए आसानी से तैयार हो जाएगा और उसकी मुंहमांगी कीमत देगा। क्योंकि वीडियो के जरिए नेताओं की छवि खराब कर राजनीतिक फायदा उठाया जा सकता है।
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