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यूएन महासभा प्रमुख ने गिनाईं नए साल की अपनी प्राथमिकताएँ

13 जनवरी 2020/यूएन मामले – संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद-बांडे ने शांति व सुरक्षा, ग़रीबी उन्मूलन, भुखमरी का अंत, गुणवत्तापरक शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और समावेशन को वर्ष 2020 में 74वें सत्र की प्राथमिकताओं में शामिल किया है. उन्होंने इन चुनौतियों के समाधान में एक रोडमैप को अमल में लाने के लिए साझेदारियों को नई स्फूर्ति प्रदान करने का संकल्प भी जताया है. महासभा अध्यक्ष ने 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों को अगला दशक शुरू होने तक एक वास्तविकता बनाने का लक्ष्य हासिल करने की मंशा भी ज़ाहिर की है.

महासभा अध्यक्ष ने सोमवार को मुख्यालय में सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक मुद्दों पर मतभेद को संवाद के सहारे ही सुलझाने का प्रयास करना होगा क्योंकि यही संगठन का मूलमंत्र है. यूएन महासभा अध्यक्ष ने मानव व वित्तीय संसाधनों के साथ-साथ सदस्य देशों से मिले नैतिक समर्थन की प्रशंसा की.
यूएन महासभा प्रमुख तिजानी मोहम्मद-बांडे ने कहा कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा परम आवश्यक है और इसलिए शांति व सुरक्षा क़ायम करने के लिए और ज़्यादा मेहनत की आवश्यकता है. उनके मुताबिक़ मध्य पूर्व में इसराइल और फ़लस्तीन के बीच विवाद के अलावा सीरिया, यमन और लीबिया में संकट का समाधान ढूंढा जाना ज़रूरी है और इसके लिए वह प्रयासरत रहेंगे. उन्होंने कहा कि मुफ़्त और गुणवत्तापरक प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के साथ-साथ किफ़ायती और समावेशी व्यावसायिक शिक्षा तक पहुंच भी ज़रूरी है और इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी रहेंगे. उन्होंने 24 जनवरी 2020 को दूसरी बार मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन करने की बात कही है जिसमें शिक्षा प्रणाली, सरकारों, निजी सैक्टर और नागरिक समाज संगठनों के नुमाइंदों की भागीदारी होगी और इसके ज़रिए साझेदारियों के माध्यम से शिक्षा प्रणाली की कायापलट करने का प्रयास कहोगा. विश्व में भुखमरी का अंत करने के प्रयासों के तहत 4-5 फ़रवरी 2020 को “Targeting Hunger: South-South and Triangular Cooperation for Transforming Agriculture” के विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें कृषि को रूपान्तरित करने के लिए दक्षिण-दक्षिण सहयोग को प्रोत्साहन देने का प्रयास होगा. इसके लिए कृषि सैक्टर को आधुनिक बनाने, सिंचाई प्रणाली, औद्योगिक मशीनरी और उच्च उत्पादकता वाले बीजों की उपलब्धता महत्वपूर्ण है.
पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के तहत इस वर्ष महासागरों पर सम्मेलन, जैवविविधिता पर शिखर वार्ता और मरुस्थलीकरण पर एक उच्चस्तरीय संवाद का आयोजन होगा.
पृथ्वी की रक्षा करने और यूएन जलवायु सम्मेलन (कॉप-25) में महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक राय ना बन पाने के कारण इसे अहम बताया गया है.
साथ ही अंतरराष्ट्रीय वित्तीय जवाबेदही, पारदर्शिता और अखंडता पर एक एक नई पहल पर भी कार्य प्रगति पर है जिसका लक्ष्य धन के अवैध लेनदेन, भ्रष्टाचार, टैक्स चोरी पर लगाम कसना है. महासभा अध्यक्ष की योजना 31 मार्च 2020 में युवाओं के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाने की योजना है जिसमें महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी आवाज़ों को शामिल किया जाएगा. जलवायु कार्रवाई की तरफ़ ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि एक महासागर सम्मेलन 2-6 जून को पुर्तगाल के शहर लिस्बन में आयोजित किया जाएगा.
सबको साथ लेकर चलना है तिजानी मोहम्मद बाँडे ने कहा, “सभी को साथ लेकर चलना हमारी दुनिया की कुंजी है. लोगों को प्रगति और विकास में शामिल नहीं करने की वजह से ही तमाम समाजों में अस्थिरता की एक बड़ी वजह रही है.”
उन्होंने ख़ास ज़ोर देकर कहा कि “किसी को भी अलग-थलग छोड़ने का कोई भी कारण नहीं हो सकता – चाहें वो महिला हो, युवा, विकलांग या फिर उनकी कोई भी आस्था, रंग या फिर वो किसी भी स्थान के रहने वाले हों.”
महासभा अध्यक्ष ने तमाम प्रतिनिधियों का आहवान किया कि वो महिलाओं चौथे विश्व सम्मेलन की 25वीं वर्षगाँठ के समारोहों, महिलाएँ, शांति व सुरक्षा पर अपनाए गए प्रस्ताव संख्या 1325 की 20 वीं वर्षगाँठ और यूएन वीमैन की 10वीं वर्षगाँठ के समारोहों में अवश्य शिरकत करें. उन्होंने बताया कि वह 31 मार्च 2020 को युवाओं के लिए एक उच्चस्तरीय सत्र का आयोजिन किया जाएगा जिसमें गुणवत्ता वाली शिक्षा और बेरोज़गारी जैसी तात्कालिक समस्याओं के समाधान तलाश करने के लिए तैयार की जाने वाली रणनीति में युवाओं की सक्रिय भागीदारी हो सके. तिजानी मोहम्मद बाँडे ने कहा, “मैं भरोसा दिलाना चाहता हूँ कि, सभी के साथ काम करने के लिए मैं हमेशा ही संकल्पबद्ध हूँ – ये कार्य हमारे संगठन के चार्टर के अनुसार और हमारे सामने दरपेश मुद्दों की अहमियत के मद्देनज़र होगा.”
United Nations:संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र (2019-2020) के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद बाँडे अबू धाबी में महिलाओं के लिए ख़ावला अल अज़वर सैनिक अकादमी में सैन्य व शांतिरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के कैडेटों से मुलाक़ात करते हए . in picture

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