छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर राज्यशासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लोगों के जमीन जायदाद और अन्य राजस्व संबंधी कामकाज आसानी से हो इसके लिए विभाग ने प्रक्रिया को सरल किया है। राज्य शासन ने नामंात्रण, बंटवारा, नजूल भूमि, डायर्वसन, बटांकन, छोटे भू-खण्डों की रजिस्ट्री सहित अनेक राजस्व प्रकरणों के निराकरण की जटिलताओं को सरलीकृत किया गया है, जिससे लोगों को काफी सहूलियत हुई है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में राजस्व विभाग के कामकाज को सरल बनाने आवश्यतानुसार नई राजस्व प्रशासनिक इकाईयों का गठन किया जा रहा है। इनमें नई उप तहसील, तहसीलों और अनुभाग बनाए जा रहे है। राज्य में बिलासपुर जिले से अलग कर एक नये जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही बनाया जा रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ 28 जिलों का राज्य बन जाएगा।
राज्य में लोग अपने बच्चों की शिक्षा के लिए जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की जटिल प्रक्रिया से परेशान थे। मुख्यमंत्री ने लोगों की परेशानी को समझा और इसका स्थायी हल निकाला है। अब जिन माता-पिता के पास जाति प्रमाण पत्र है, उनके बच्चों को जन्म लेते ही जाति प्रमाण पत्र प्रदाय करने का काम शुरू हो गया है।
राज्य में जमीन की खरीद बिक्री पर लगी रोक हटा दी गई है। अब 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री की जा रही है। इससे राज्य के जरूरत मंद छोटे मेहनत मजदूरी करने वाले, छोटे व्यावसायी और आवासहीन जरूरत मंदों को काफी राहत मिली है। इसी तरह राज्य सरकार ने पंजीयन शुल्क में 30 प्रतिशत की कमी करके लोगो को फायदा पहंुचाया है। आवासहीन परिवारों को आवास बनाने मदद दी जा रही है। जो लोग कतिपय कारणों से अपनी जमीन की रजिस्ट्री नही करा पा रहे थे, ऐसे कई जरूरत मंदों ने अपनी भू-खण्डों का पंजीयन कराया है। सरकार के कामकाज की सरलीकृत प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप राज्य में राजस्व वृद्धि के साथ लोगों के काम अब आसानी से होने लगे हैं।
लेख: एम.एल.चौधरी,सहायक संचालक
रायपुर, 31 दिसम्बर 2019













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