Chhattisgarh State

छत्तीसगढ़ में जागी पुरखों के सपने पूरे होने की आस धान और किसान से चलती है राज्य की अर्थव्यवस्था मंत्रिमंडल ने एक वर्ष में लिए कई अहम फैसले

रायपुर 16 दिसम्बर 2019/ शपथ लेने के मात्र दो घंटे में ही नई सरकार ने कई बड़े फैसले लेकर सबको चाैंका दिया। दरअसल धान और किसान ऐसे विषय हैं जिसका यहां के घर-घर से ताल्लुक है। पिछले एक साल के कार्यकाल को देखें तो राज्य सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को देशव्यापी मंदी के प्रभाव से बचाए रख कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। नई सरकार ने देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना शुरू की है जिसमें इलाज के लिए 20 लाख रूपए तक की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा 56 लाख लोगों के लिए डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, सार्वभौम पीड़ीएस, कर्जमाफी, 25 सौ रूपए में धान खरीदी, 46 लाख लोगों को बिजली बिल हाफ सहित प्रदेश की जनता के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं। छत्तीसगढ़ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप काम करने वाले मीडिया प्रतिनिधियों के लिए देश में पहली बार पत्रकार सुरक्षा कानून लाने के लिए पहल की गई है। साथ ही राज्य में संचालित वरिष्ठ मीडियाकर्मी सम्मान निधि को और अधिक अनुकूल बनाया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में मंत्रिमंडल द्वारा गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के लिए पुरखों के संकल्प को पूरा करने की दिशा में लगातार फैसले लिए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। अरपा पैरी के धार को राज्योत्सव के मौके पर राज गीत का दर्जा दिया गया है। वहीं यहां की संस्कृति तीज-त्योहारों पर लोगों को अपनी संस्कृति पर गर्व करने का संदेश दिया जा रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ी त्योहारों में अवकाश घोषित कर इन त्योहारों का मान बढ़ाया गया है। मंत्रिपरिषद ने डॉ. नरेन्द्र वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत-‘‘अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार‘……को राज्य-गीत घोषित किया इसे सभी शासकीय कार्यक्रमों और आयोजनों में गाया जा रहा है। श्रीराम वनगमन पथ के महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का निर्णय लिया गया। शासकीय नौकरियों और शैक्षणिक सेवाओं में अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का निर्णय भी लिया गया। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण करने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ में देश में सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना शुरू की है, जिसमें 20 लाख रूपए तक के इलाज की सुविधा मिलेगी। राज्य के 56 लाख लोगों को बीमा कव्हर दिलाने के लिए मंत्री परिषद ने डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। 15 नवंबर को मंत्री परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य में संचालित सभी योजनाओं को समाहित कर डॉ. खूब चंद बघेल के नाम पर नई स्वास्थ्य योजना शुरू की जाएगी। इस नई योजना में सभी प्राथमिक एवं अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों को विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए 5 लाख रूपए तक के इलाज की सुविधा दी जाएगी। साथ ही एवं अन्य राशन कार्डधारी परिवारों को 50 हजार रूपए तक इलाज की सुविधा मिलेगी। यह योजना ट्रस्ट मोड पर संचालित की जाएगी। गंभीर बीमारियों में लगने वाले खर्च को देखते हुए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया। इसमें उन गंभीर बीमारियों को कव्हर किया जाएगा जो डॉ.खूब चंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में शामिल नहीं हैं। इस येाजना में 5 लाख रूपए से अधिकतम 20 लाख रूपए तक के इलाज की सुविधा दी जाएगी।
राज्य में उद्यानिकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजधानी के पास पाटन में महात्मा गांधी के नाम पर उद्यानिकी ओर वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इससे इस कृषि आधारित राज्य में किसानों को उद्यानिकी फसलों से जोड़ा जा सकेगा। इससे यहां उद्यानिकी के क्षेत्र में शोध और यहां के युवाओं को कृषि के क्षेत्र में एग्री बिजनेस में स्टार्ट-अप शुरू करने का मौका मिलेगा। रायगढ़ में स्व. श्री नंद कुमार पटेल के नाम पर नया विश्वविद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय भी लिया गया है। शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत अभी तक केवल कक्षा आठवीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए निःशुल्क शिक्षा एवं पाठ्य पुस्तक की व्यवस्था की जाती है। अब यह सुविधा कक्षा नवमी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को भी उपलब्ध करायी जाएगी।
वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले खनिज प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के जीवन में बदलाव के लिए डी.एम.एफ की राशि का उपयोग करने के लिए मंत्रिपरिषद में निर्णय लिया। उन्होंने किसानों से धान खरीदी और कर्ज माफी को सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानते हुए शपथ लेते ही 25 सौ रूपए में धान खरीदी और कर्ज माफी की घोषणा की। मंत्रिमंडल की प्रथम बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया और लगभग 12 हजार करोड़ रूपए की कर्ज माफी का मार्ग प्रशस्त हुआ। नई सरकार ने माना कि धान खरीदी का मुद्दा किसानों और राज्य के स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है, इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में 32 लाख मीटरिक टन चांवल की खरीदी के लिए केन्द्र सरकार से न केवल अनुरोध किया बल्कि 2500 रूपए में धान खरीदी की अनुमति देने का आग्रह किया।
राज्य में फैले कुपोषण और पलायन के मद्देनजर लोगों को खाद्य सुरक्षा देने का फैसला लिया गया। यह फैसला इस मायने महत्वपूर्ण है कि यह बिना किसी भेदभाव के लागू होगा। सार्वभौम पीडी.एस लागू कर 65 लाख परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा का लाभ मिल रहा है। इससे जनघोषणा पत्र का एक बड़ा वायदा पूरा हुआ है। योजना में तीन से पांच सदस्यीय परिवारों को 35 किलो खाद्यान्न मिल रहा है। बस्तर अंचल में चने के साथ-साथ अब बस्तर संभाग के जिलों में प्रति परिवार दो किलो गुड़ का निःशुल्क वितरण करने, गन्ना उत्पादक कृषकों के व्यापक हित एवं सहकारी शक्कर कारखानों को सक्षम बनाने की दृष्टि से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित किए जाने वाले शक्कर का क्रय राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों से करने का निर्णय।
राज्य में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नई उद्योग नीति की राज्योत्सव पर जारी की गई । इसमें कृषि और वनोपज धारित उद्योगों की स्थापना को प्राथमिकता दी गई है। औद्योगिक एवं आर्थिक मंदी से स्टील उद्योगों को उबारने के लिए घोषित विशेष राहत पैकेज की अवधि बढाने, बायो-एथेनॉल उत्पादन संयंत्र की स्थापना को प्रोत्साहन दिया गया है। आपसी सहमति से ग्रामीण क्षेत्रों में अर्जित की जाने वाली भूमि एवं उस भूमि पर स्थित अचल परिसंपत्तियों के मूल्य की मुआवजा राशि को दो गुना से बढ़ाकर 4 गुना किया गया है। मध्य भारत का प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक नगर और प्रदेश की राजधानी रायपुर में सराफा कारोबार व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए जेम एण्ड ज्वेलरी पार्क रायपुर शहर में स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
वनांचल में आदिवासियों की जमीन वापसी कर छत्तीसगढ़ में देश में एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उद्योग नहीं लगने की स्थिति में 1700 किसानों की 42 सौ एकड़ जमीन वापसी का फैसला भी मंत्रिमंडल ने लिया। यह जमीन टाटा के इस्पात संयत्र के लिए अधिग्रहित की गई थी। वनांचल क्षेत्र के युवाओं को रोजगार दिलाने पांचवी अनुसूचित क्षेत्र सरगुजा एवं बस्तर संभाग के साथ-साथ कोरबा जिले में तृृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की जिला कैडर में भर्ती की अवधि को दो वर्ष बढ़ाने का निर्णय लिया गया। शासकीय विभागों में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में राज्य के स्थानीय निवासी अभ्यर्थियों को अधिकतम 5 वर्ष की छूट दिया गया।
वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले खनिज प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के जीवन में बदलाव के लिए डी.एम.एफ की राशि का उपयोग करने के लिए मंत्रीपरिषद में निर्णय लिया। छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 में संशोधन किया गया इसमें खनिज प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा पोषण सहित उनके जरूरत के हिसाब से डी.एम.एफ की राशि का उपयोग करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गवर्निंग बाड़ी बनाने और इसमें विधायकों को सदस्य नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। गौण खनिज साधारण रेत के उत्खनन के लिए अब कलेक्टर के माध्यम से नीलामी के द्वारा रेत खदानों का पट्टा आवंटन किया जाएगा। विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक एवं सहायक ग्रेड-3 के पदों पर संपूर्ण प्रदेश में सीधी भर्ती करने, बस्तर एवं सरगुजा में विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के गठन का अनुमोदन किया गया।
राज्य में आर्थिक क्रिया कलापों में तेजी लाने के लिए संपूर्ण प्रदेश में अचल संपत्ति के बाजार मूल्य गाइडलाईन की दरों में 30 प्रतिशत की कमी तथा पंजीयन शुल्क 0.8 प्रतिशत से बढ़ाकर गाइडलाईन मूल्य का 4 प्रतिशत करने का निर्णय। इस निर्णय से रियल ईस्टेट बाजार में तेजी आयी है। नगरीय क्षेत्र में डायवर्सन प्रकिया के सरलीकरण,सभी 168 नगरीय निकायों में परम्परागत रूप से काम करने वाले स्थानीय बेरोजगारों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए ‘पौनी पसारी‘ योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत सभी नगरीय निकायों में परम्परागत व्यवसाय जैसे-लोहारी, कुम्हारी, कोष्टा, बंसोड़ आदि के लिए चबूतरा एवं शेड निर्माण कर, उन्हें अस्थायी रूप से किराये पर उपलब्ध कराते हुए व्यवसाय करने की सुविधा दी जाएगी।
मंत्रिमंडल द्वारा झीरम घाटी घटना की जांच के लिए एसआईटी के गठन, शहीद वीर नारायण सिंह के वंशजों को पेंशन स्वीकृत करने, विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलनों से संबंधित प्रकरणों की वापसी, आबकारी ड्यूटी दरें बढ़ाने तथा 50 शराब दुकानंे बंद करने , छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण के गठन कर खेल अकादमी बनाने, बस्तर और सरगुजा के अतिरिक्त मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण भी गठित करने, नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति को दिए गए पट्टों को फ्री-होल्ड करने, चिटफंड कंपनियों के मामले में अभिकर्ताओं के विरूद्ध पंजीबद्ध प्रकरणों की वापसी एवं निवेशकों के धन वापसी, प्रदेश के कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़ एवं सरगुजा वनमंडल क्षेत्र के अंतर्गत 1995.48 वर्ग किमी क्षेत्र में लेमरू हाथी रिजर्व गठित करने , नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूूझमाड़ क्षेत्र के 275 गांवों में राजस्व अभिलेख तैयार कराने सर्वे कराने, नगरीय निकायों मे ंमहापौर तथा अध्यक्षों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रूप से करने, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल की आवासीय और व्यावसायिक सम्पदा में 15 से 20 प्रतिशत छूट सहित विभिन्न छूट देने, सौर सुजला योजना फेज-4 के तहत 20,000 सोलर पंपों की स्थापना-इसमें इस वर्ष सुराजी गौठान में 4000 सोलर पंप स्थापित करने, वरिष्ठ मीडिया कर्मी सम्मान निधि अर्हता आयु 65 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष और सम्मान निधि 5 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन और देय राशि 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने का निर्णय लिया गया।

आलेख – आनंद सोलंकी/जी.एस. केशरवानी

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