नोडल अधिकारी हर दिन अपने गौठान की प्रोग्रेस की देंगे अब तक रिपोर्ट, पशुओं की संख्या की होगी गणना
– फोकस होगा ज्यादा से ज्यादा पशु गौठान तक पहुंचे, इनके लिए चारा-पानी और इलाज की स्थिति की रोज मानिटरिंग के पश्चात बनेगी रिपोर्ट
– पैरादान के क्षेत्र में सर्वोत्तम काम करने वाले अधिकारियों की प्रशंसा की कलेक्टर ने, कहा कि ग्रामीणों ने आगे बढ़कर उत्साह से हिस्सा लिया इसलिए पैरादान अभियान हो रहा सफल, अभियान को गति देने अधिकारी भी बधाई के पात्र
दुर्ग/ अधिकांश गौठानों के फंक्शनल होने के पश्चात अब जिला प्रशासन का अगला लक्ष्य इन्हें शत-प्रतिशत प्रभावी बनाने का होगा। हर गौठान के लिए नियुक्त किए गए नोडल आफिसर इसके लिए जिम्मेदार होंगे। वे गौठान समितियों के साथ मिलकर यह देखेंगे कि ज्यादा से ज्यादा मवेशी गौठान तक पहुंचे, उनके लिए गौठान में उचित व्यवस्था हो और इसके बाद इनकी उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में काम हो सके। कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने इस संबंध में निर्देश जिला पंचायत में हुई बैठक में अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर उन्होंने पैरादान के क्षेत्र में हुए कार्य की विशेश रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने उत्साह से इस महती अभियान में हिस्सा लिया है उनके आगे आने से यह बड़ा कार्य सफल हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारी भी बीते दिनों सुबह-सुबह से मानिटर करते रहे। हमारे पास अपने कार्यों की रिपोर्ट करते रहे, यह प्रशंसनीय है। कुछ अधिकारियों ने तो इस क्षेत्र में शानदार कार्य किया है। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने कहा कि अब अधिकांश गौठान फंक्शनल हो गए हैं। हमें अब पूरी तरह से प्रयास करना होगा कि इनकी असल क्षमता का प्रभावी इस्तेमाल करें। यहां मवेशियों की संख्या बढ़ाएं। चारे और पानी की उचित व्यवस्था रखें। पशुओं के स्वास्थ्य पर विशेश नजर रखें। इसके बाद गोबर के माध्यम से कंपोस्ट खाद और अन्य चीजों पर कार्य करें ताकि गौठान आर्थिक रूप से मजबूत ईकाई के रूप में उभर सके। सीईओ ने कहा कि गौठान समिति की नियमित बैठक हो और यहां पर गौठान को आगे ले जाने के लिए आए फीडबैक पर त्वरित कार्य हो।
अब फोकस कंपोस्ट खाद पर और अन्य उत्पादों पर- कलेक्टर ने कहा कि गौठानों में पशुओं की संख्या बढ़ानी है और गोबर के माध्यम से कंपोस्ट खाद बनाने पर कार्य करना है। गौठानों में कंपोस्ट खाद के काम की तकनीकी समीक्षा एवं सामान्य समीक्षा करते रहें। इसके साथ ही कंपोस्ट खाद का मार्केट भी उपलब्ध कराना है। कलेक्टर ने कहा कि गौठानों में कंपोस्ट खाद के बड़ी मात्रा में उत्पादन से इसका विक्रय कर गौठान लाभ की ईकाई बन जाएंगे। ये जैविक खेती की ओर बढ़ने के लिए भी बहुत अच्छा रास्ता है। न्यूनतम लागत में अधिकतम उत्पादन का रास्ता इससे तैयार होगा। कलेक्टर ने कहा कि प्रमुख सचिव महोदय ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि गौठानों में काम कर रहे स्वसहायता समूहों को अन्य कार्यों के लिए भी प्रेरित करना है और ये गांव के परिवेश के अनुसार और बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार अलग-अलग होंगे।
पैरादान के लिए अच्छा कार्य करने वालों की प्रशंसा- कलेक्टर ने पैरादान के क्षेत्र में सबसे अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों की प्रशंसा भी की। उन्होंने पशुधन विकास विभाग से डा संदीप मढ़रिया, डाक्टर झरना चंद्राकर, डाक्टर डीएन चंद्राकर की विशेश रूप से प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने चंदखुरी की एआरईओ अर्चना चरिवाया, ढाबा के अमित जोशी, ढौर की पूनम मेश्राम, अमलीडीह से आशुतोश भट्ट, रारगांव से सूरजभान वर्टे की विशेश रूप से प्रशंसा की।
बताई नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी- ग्राम समिति को सक्रिय करना नोडल अधिकारी की प्रथम जिम्मदारी होगी जिसमें स्वसहायता समूहों को गोबर इकट्ठा करना, गौठान में पशुओं की उपस्थिति सुनिश्चित करना, पशुओं गौठान समितियों को सक्रिय करना तथा उनकी बैठकें सुनिश्चित कराना, गौठान में पषुओं की उपस्थिति सुनिश्चित कराना, पशुओं हेतु चारा-पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराना, निर्माण एजेन्सी पंचायत/कृषि विभाग/उद्यान विभाग/पषु चिकित्सा विभाग द्वारा निर्माण कार्यो को गुणवत्ता सहित समय-सीमा में पूर्ण कराना, गौठान में उपलब्ध गोबर को एकत्रित कराना तथा जैविक खाद हेतु उपयोग कराना, जैविक खाद हेतु निर्मित नाडेप में गोबर एवं कृशि अपशिष्ट (एग्रो वेस्ट) भराना तथा स्व-सहायता समूहों के माध्यम से विक्रय सुनिष्चित कराना, वर्मी कम्पोस्ट हेतु निर्मित वर्मीबेड में गोबर तथा कृशि अपषिश्ट भराना तथा कृशि/उद्यानिकी विभाग द्वारा केंचुए डलवाना।
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