Chhattisgarh State

केवल सुपोषित नहीं किया सोशल मीडिया की मदद से कार्यकर्ता ने किया बी नेगेटिव खून का इंतज़ाम

*मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की बड़ी सफलता*
*आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भवती एनीमिक महिला को सही समय पर मिला अच्छा पोषण और देखभाल*
*एनीमिक हेमलता ने तंदुरुस्त बच्चे को दिया जन्म*
*रोज आंगनबाड़ी में आकर गर्म भोजन और प्रोटीन युक्त चिकी खाने से एनीमिक महिलाओं के हीमोग्लोबिन में हो रहा लगातार सुधार*

दुर्ग 6 दिसंबर 2019/ मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन खेदामारा की हेमलता पटेल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस अभियान ने न केवल एनीमिक हेमलता को कुपोषण से लड़ने में मदद की है बल्कि सही समय पर देखभाल और पोषण मिलने से उसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म भी दिया है।
*आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सूझबूझ से बची जच्चा बच्चा की जान*
एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग ग्रामीण के परियोजना अधिकारी अजय साहू बताते हैं कि मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन के तहत जब परियोजना के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं के खून की जांच की गई तो 92 महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर 9 ग्राम से कम था। सितंबर माह में हेमलता पटेल का हीमोग्लोबिन 7.2 ग्राम था। जो फिक्र की बात थी लेकिन असली परेशानी तब सामने आई जब मालूम हुआ कि हेमलता का ब्लड ग्रुप बी नेगेटिव है। हेमलता को ये फिक्र खाये जा रही थी कि वो स्वस्थ बच्चे को जन्म दे पाएगी या नहीं । खेदामारा केंद्र क्रमांक 1 की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोषी देवदास को जैसे ही ये पता लगा उसे समझते देर नहीं लगी कि हेमलता को जल्द ही न केवल खून चढ़ाना होगा बल्कि उसकी डाइट का विशेष ख़याल भी रखना होगा।बिना देरी किए संतोषी ने हेमलता के लिए खून का इंतज़ाम करना शुरू किया। 2 दिनों तक तलाश करने पर भी खून का इंतज़ाम नहीं हो पाया। लेकिन संतोषी ने हिम्मत न हारते हुए हेमलता के लिए रक्तदाताओं से संपर्क करने सोशल मीडिया का सहारा लिया । संतोषी की कोशिश रंग लाई और खून मिल गया। खून चढ़ाने के बाद हेमलता का हीमोग्लोबिन बढ़कर 8.2 मार्ग हो गया। इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्र में हेमलता की सेहत की सतत मॉनिटरिंग की गई।हेमलता आंगनबाड़ी केंद्र में रोज आकर कर ताजा गर्म संतुलित भोजन और हाई प्रोटीन चिकी खाने लगी। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए। 2 महीने के अंदर ही हेमलता का हीमोग्लोबिन 9.2 ग्राम हो गया और कुछ दिन पहले ही उसने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। बच्ची वजन भी 3.8 किलोग्राम है जो सामान्य है। प्रसव के बाद भी हेमलता आंगनबाड़ी केंद्र आकर गर्म संतुलित भोजन और चिकी खा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पूरी उम्मीद है कि अगर इसी तरह हेमलता अपने पोषण का ध्यान रखेगी तो जल्द ही।एनीमिया मुक्त हो जाएगी।
*सिर्फ 2 महीने में 92 में से 43 महिलाओं का हीमोग्लोबिन हुआ 9 ग्राम से अधिक*
खुशी की बात ये है कि हेमलता पटेल अकेली नहीं है जिसकी ज़िंदगी मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन ने बदल दी है।
एक अन्य गर्भवती महिला भुनेश्वरी पटेल का हीमोग्लोबिन 8.4 से बढ़कर 9.6हो गया है।भुनेश्वरी रोज आंगनबाड़ी केंद्र में आकर गर्म भोजन और प्रोटीन युक्त चिकी खा रही है। यहाँ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सभी महिलाओं को घर में संतुलित आहार लेने ,अपनी देखरेख और दूसरी सावधानियों के बारे में बताती है।
सिर्फ 2 महीने में परियोजना की 92 एनीमिक महिलाओं में से 43 महिलाओं का हीमोग्लोबिन 9 से अधिक हुआ है। ये सब मुमकिन हुआ सुपोषण अभियान और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के समर्पण के कारण। परियोजना अधिकारी अजय साहू ने बताया कि अगले 4 माह में इन महिलाओं को एनीमिया से मुक्त कराने की कोशिश लगातार जारी है।

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