गूगल को बनाने वाले लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने परिवार को समय देने का हवाला देकर अपना पद छोड़ दिया है और इसी के साथ उनकी जिम्मेदारी सुंदर पिचाई के हाथों में आ गई है.
सुंदर पिचाई को मिली बड़ी जिम्मेदारी,गूगल की पैरेंट कंपनी एल्फाबेट के CEO बने,लैरी पेज, सर्गेई ब्रिन ने CEO पद छोड़ा
गूगल के सीईओ भारतीय मूल के सुंदर पिचाई को एक नई जिम्मेदारी मिल गई है. गूगल की पैरेंटल कंपनी एल्फाबेट ने अब सुंदर पिचाई को अपना मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त कर दिया है. गूगल को बनाने वाले लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने परिवार को समय देने का हवाला देकर अपना पद छोड़ दिया है और इसी के साथ उनकी जिम्मेदारी सुंदर पिचाई के हाथों में आ गई है.
दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार गूगल और उसकी पैरेंट कंपनी का हेड अब एक भारतीय मूल का नागरिक है, जो एक बड़ी उपलब्धि है. बता दें कि गूगल की शुरुआत 1997 में हुई थी, जिसके बाद से इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी की दुनिया में बदलाव हो गया. हालांकि, जैसे-जैसे गूगल बड़ा और उसने अन्य क्षेत्रों में अपनी किस्मत आजमाई तो 2015 में एल्फाबेट को बनाया गया जिसका मकसद गूगल से जुड़े अन्य सभी प्रोजेक्ट की अगुवाई करना था. इसके साथ ही कंपनी के सभी प्रोजेक्ट में पारदर्शिता को समान रूप से लागू करवाना था.
एल्फाबेट के सीईओ लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने एक लंबी चिट्ठी जारी कर अपने इस्तीफे का ऐलान किया और अपनी जिम्मेदारी अब सुंदर पिचाई के हाथ में सौंपने की बात कही. हालांकि, दोनों ने ये भी कहा है कि वह कंपनी के बोर्ड का हिस्सा रहेंगे और जरूरत पड़ने पर लगातार कंपनी के साथ ही जुड़े रहेंगे. अपनी चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि अब कंपनी काफी आगे बढ़ चुकी है ऐसे में अब दो-दो सीईओ की जरूरत नहीं है. खास बात ये भी है कि गूगल के फाउंडर्स के द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए लिखी गई ये पहली चिट्ठी है. 2004 के बाद से पहली बार फाउंडर्स ने अपनी बात चिट्ठी के जरिए इस तरह दुनिया के सामने रखी. बता दें कि गूगल की शुरुआत पहले सर्च इंजन के तौर पर हुई थी, लेकिन जब ये सफल हुआ तो 2004 के बाद इसने पैर पसारने शुरू कर दिए. पहले सर्च इंजन, फिर गूगल मैप, गूगल फोटो, यूट्यूब, गूगल डिवाइस, गूगल क्लाउड आदि सह-कंपनियां शामिल रहीं, ये सभी कंपनियां एल्फाबेट की अगुवाई में ही चल रही थीं.
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