Chhattisgarh

सुकमा जिले के विकास में कोई कमी नहीं होगी: भूपेश बघेल

पंच-सरपंच, किसान सम्मेलन में उमड़ा जनसैलाब
छिंदगढ़ में खुलेगी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक की शाखा

तोंगपाल में अगले शिक्षा सत्र से शासकीय महाविद्यालय

नदी से सिंचाई करने वाले एक हजार किसानों के सिंचाई पंप
ऊर्जीकरण के लिए 13 करोड़ मंजूर

छिंदगढ़-गंजेनार की पेयजल व्यवस्था के लिए 8 करोड़ स्वीकृत

जेलों में छोटे-छोटे अपराधों में बंदी आदिवासियों को
मिलेगी रिहाई: प्रथम चरण में 313 लोग रिहा किए जाएंगे

एएनएम और एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 50 स्कूटी दी जाएगी

गौठानों में बनेंगे आजीविका सेन्टर

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिला मुख्यालय सुकमा में आयोजित पंच-सरपंच, किसान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि सुकमा जिले के विकास के कार्यो में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि छिंदगढ़ में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक की शाखा खोली जाएगी। तोंगपाल में अगले शिक्षा सत्र से शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ होगा। उन्होंने एक हजार किसानों के सिंचाई पंप ऊर्जीकरण के लिए 13 करोड़ रूपए और छिंदगढ़-गंजेनार की पेयजल व्यवस्था के लिए 8 करोड़ रूपए की घोषणा की। श्री बघेल ने शिक्षा सत्र 2020-21 से अतिसंवेदशील क्षेत्र गोलापल्ली में 50 सीटर छात्रावास एवं 100 सीटर आश्रम प्रारंभ करने, तालनार स्कूल का उन्नयन हायर सेकेण्डरी स्कूल में करने, तोंगपाल और दोरनापाल में पोस्ट मैट्रिक छात्रावास तथा सुकमा में पोस्ट मैट्रिक पिछड़ा वर्ग छात्रावास की मंजूरी दी। श्री बघेल ने कहा कि छोटे अपराधों में जेल में बंद आदिवासियों को छोड़ा जाएगा। प्रथम चरण में 313 लोगों को रिहा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस आदिवासी बहुल जिले में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर सुनिश्चित करने एएनएम और एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कार्यकताओं को 50 स्कूटी दी जाएगी। इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोकसभा संासद श्री दीपक बैज और विधायक सर्वश्री मोहन मरकाम, लखेश्वर बघेल और श्री विक्रम मण्डावी, जिला पंचायत सुकमा अध्यक्ष श्री हरीश कवासी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। ’अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार’ गीत छत्तीसगढ़ का राज्यगीत घोषित होने के बाद पहली बार सुकमा के मिनी स्टेडियम में गूंजा। उपस्थित अतिथियों सहित सभी लोगों ने खड़े होकर राज्यगीत को सम्मान दिया।

मुख्यमंत्री ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार 2500 रूपए प्रति क्ंिवटल में किसानों से धान खरीदेगी। केन्द्र सरकार कहती है कि यदि 2500 रूपए प्रति क्ंिवटल में धान की खरीदी की जाती है, तो सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ का चावल नहीं लिया जाएगा। उन्होेंने सभी किसानों और व्यापारियों से प्रधानमंत्री को इस संबंध मंे चिठ्ठी लिखने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री से मिलने और उन्हें इस संबंध में किसानों, व्यापारियों के पत्र सौंपने के लिए सड़क मार्ग से 13 नवम्बर को रायपुर से नई दिल्ली के लिए यात्रा प्रारंभ होगी, जो दो दिन बाद दिल्ली पहंुचेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और व्यापारी पत्र में यह उल्लेख भी करें कि 2500 रूपए प्रति क्ंिवटल धान खरीदी और कर्ज माफी से छत्तीसगढ़ के किसानों की क्रय शक्ति बढ़ी है और यहां मंदी का प्रभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि बच्चों और महिलाएं को कुपोषण और एनिमिया से मुक्ति दिलाने के लिए पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई है, जिसका लोगों ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि गांवों में बनने वाले गौठानों में आजीविका सेन्टर भी बनाए जाएंगे। जहां मछली पालन, मुर्गी पालन, दोना निर्माण जैसी अनेक आर्थिक गतिविधियां संचालित की जाएगी, जिससे कोई भी हाथ खाली न रहे। उन्होंने छत्तीसगढ़ के संदर्भ में पुरखों के सपनांे को साकार करने के लिए सभी लोगों से सहयोग का आव्हान किया।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में बताया कि आज सुकमा में जिले के विकास के लिए लगभग 168 करोड़ रूपए की लागत के विभिन्न विकास कार्यो का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। जिले के 8 हजार किसानों का 21 करोड़ रूपए का कृषि ऋण माफ किया गया। इस वर्ष सुकमा जिले में 4 लाख क्ंिवटल धान की खरीदी का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 5 हजार किसानों ने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 17 करोड़ रूपए का ऋण लिया है, यहां के किसान उत्तम खेती की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत जिले में 23 गौठानों का कार्य पूर्ण हो गया है, 1600 बाड़ियों में निःशुल्क खाद बीज वितरित किए गए हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के लिए 4 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत 21 हाट बाजारों में 10 हजार मरीजों ने इलाज कराया। जगरगुंड़ा, भेज्जी में बंद आश्रम स्कूल पुनः चालू हुए हैं। 123 शिक्षण संस्थानों में से 90 प्राथमिक स्कूल पुनः चालू हो गए हैं। जिले के 51 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों से चार हजार रूपए प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता संग्रहण का काम कराया गया और उन्हें 35 करोड़ रूपए पारिश्रमिक भुगतान किया गया।

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