फर्जी सहायता समूह बना कर करोड़ों रुपए गबन करने वाले तो सस्पेंड लेकिन सरगना DFO लोकनाथ पटेल पर मेरहबान सरकार?
रायपुर।वन विभाग रायपुर में घोटालेबाज अधिकारियों ने माना नर्सरी में फर्जी सहायता समूह बना कर करोड़ों रुपयों का गबन किया जिसमें अब जब विधानसभा में सवाल पूछा गया तब कहीं जाकर कार्यवाही हुई है।लेकिन अब भी घोटाले के सरगना पर अब भी कार्यवाही नहीं की गई है।आपको बता दें कि पब्लिक स्वर ने कई बार इस घोटाले को उजागर भी किया था।
डीएफओ लोकनाथ पटेल दरअसल वन विभाग रायपुर अंतर्गत कुंवारादेव महिला वन सहायक नामक फर्जी समिति का गठन डीएफओ लोकनाथ पटेल ने किया गौरतलब है कि उक्त समिति द्वारा कार्यों का उल्लेख कर बिल वाउचर का सत्यापन SDO उपवनमंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी द्वारा किया गया वहीं उक्त फर्जी सहायता समूह को DFO ने रजिस्टर्ड किया था। अब बड़ी बात यह है कि विधानसभा में तारांकित प्रश्न क्रमांक-1254 के उत्तर में वास्तविक तथ्य को छिपाते हुए, गलत जानकारी प्रेषित करने के कारण विधानसभा के विशेषाधिकार के हनन का मामला बनने से विभाग ने हल्कू नाम हवलदार की तर्ज पर सतीश मिश्रा, परिक्षेत्र अधिकारी, वन परिक्षेत्र रायपुर, रायपुर वनमंडल, तेजा सिंह साहू, वनपाल एवं नर्सरी प्रभारी माना, वन परिक्षेत्र रायपुर, अविनाश वाल्दे, सहायक ग्रेड 02, कैम्पा प्रभारी, रायपुर वनमंडल, प्रदीप तिवारी, सहायक ग्रेड-02, व्यय प्रभारी, रायपुर वनमंडल, अजीत डडसेना, सहा. ग्रेड-03, वन परिक्षेत्र कार्यालय रायपुर, रायपुर वनमंडल को निलंबित कर खानापूर्ति किया गया है।
पीसीसीएफ ने सक्षमतानुसार कार्यवाही का हवाला देकर DFO बचाने का किया प्रयास?
वहीं पीसीसीएफ द्वारा सीसीएफ को कर्मचारियों के संबंध में अपने स्तर से सक्षमतानुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है जिससे साफ है कि कहीं ना कहीं डीएफओ को बचाने की मंशा से कथित निर्देश दिया गया हो। हालांकि बताते हैं कि डीएफओ लोकनाथ पटेल के सम्बन्ध भाजपा सरकार के पावरफुल मंत्री से संबंध मधुर है जिसमें दबाव में उनपर कार्यवाही नहीं हुई।
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