महामहिम राज्यपाल डेका की उपस्थित में आईसीएफएआई विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह बेबीलॉन कैपिटल में आयोजित किया
आईसीएफएआई विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह बेबीलॉन कैपिटल में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि थे महामहिम राज्यपाल श्री रमन डेका जी छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर डॉ आर.पी कौशिक और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर एसपी दुबे अधिष्ठाता डॉ के किशोर कुमार उपस्थित थे। कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रगान और राजगीत के पश्चात मां सरस्वती की अर्चना और वंदना के साथ आरंभ हुआ कुल सचिव महोदय ने महामहिम राज्यपाल से दीक्षांत समारोह को आरंभ करने की अनुमति ली तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया कार्यक्रम में कुल 50 विद्यार्थियों को स्वर्ण एवं रजत पदक दिए गए और 150 विद्यार्थियों को विभिन्न संकायों में स्नातक और स्नातक को उत्तर स्तर पर उपाधि प्रदान की गई कार्यक्रम में विश्वविद्यालय इन प्रतिवेदन कुलपति के द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसमें विश्वविद्यालय की विविध उपलब्धियां और विश्वविद्यालय में होने वाले विभिन्न गतिविधियों का ब्यौरा माननीय कुलपति महोदय द्वारा दिया गया ।
विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता डॉक्टर के किशोर कुमार ने विद्यार्थियों को उपाधि प्राप्त करने के पूर्व शपथ दिलाई
कुलाधिपति ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय की प्रगति छात्र की प्रगति से ही है छात्र पूरी निष्ठा कर्तव्य और ईमानदारी से अपने कार्य का निर्वहन करें तो निश्चित ही सफलता उन्हें प्राप्त होगी
आज का यह दिवस अत्यंत महत्वपूर्ण और अविस्मरणीय है, क्योंकि यहाँ विद्यार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है,जिन्होंने कठिन परिश्रम, समर्पण और निष्ठा के साथ अपने अध्ययन के पथ पर आगे बढ़ते हुए सफलता की नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। आज आप सब अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर खड़े हैं और यह अवसर आपके जीवन की एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
आपको अपनी नई जिम्मेदारियाँ संभालनी हैं। आप सिर्फ अपने ज्ञान और कौशल का ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों का भी निर्वहन करेंगे। यह समय आपके लिए आत्मविश्लेषण और आत्मनिर्भरता का है। इस विश्व में सफलता केवल उस व्यक्ति को मिलती है जो निरंतर प्रयास करता है, जो समय के साथ बदलता है और जो समाज के भले के लिए काम करता है। सार्थक उद्बोधन के साथ प्रेरक रूपी उद्बोधन माननीय कुलाधिपति महोदय का रहा।
महामहिम राज्यपाल श्री रमन डेका ने विद्यार्थियों को पदक प्रताप और उपाधि प्राप्ति पर बधाई दी और साथी उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें वैश्विक स्थिति के साथ कदम मिलते हुए अपने टैलेंट को निखारने की बात कही ताकि भविष्य में वे हर परिस्थिति में स्वयं को सक्षम का सके। यह दिवस न केवल आपकी व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे समाज और राष्ट्र के भविष्य का भी प्रतीक है। मुझे विश्वास है कि आप अपने ज्ञान, कौशल और आस्थाओं के साथ राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएंगे। आप सभी को मैं ढेर सारी शुभकामनाएँ देता हूँ। आपके भविष्य के मार्ग प्रशस्त हो और आप हर कदम पर सफलता प्राप्त करें। पूरे आयोजन में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी गण उनके अभिभावक गण और आमंत्रित गणमान्य अतिथियों सहित प्राध्यापक गण एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव महोदय डॉ.मनीष उपाध्याय जी ने किया।
Add Comment