Chhattisgarh Raipur

चालान जमा करने वाले से तहसील कर्मचारी ने घूस में की अजीबोगरीब डिमांड, पीड़ित बोला- सॉरी सर मैं नहीं दे सकता

Home

रायपुर। Edited By: Praveen sharma

पहले प्रिंटर मांगा, मना करने पर सीपीयू की मांग की गई।

तहसील का मामला, वायरल वीडियो पहुंचा कलेक्टर तक।

कलेक्टर ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ दिए जांच के आदेश।

रायपुर के तहसील कार्यालय में रिश्‍वतखोरी की अजीबोगरीब घटना सामने आई है। यहां एक कर्मचारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे घूस के तौर पर प्रिंटर और कंप्यूटर का सीपीयू मांग रहा रहा है। दरअसल, एक शख्‍स चालान जमा करने आया था, लेकिन कर्मचारी ने उससे प्रिंटर की मांग कर दी। जब उसने मना किया, तो सारंग ने सीपीयू की मांग शुरू कर दी। रायपुर। तहसील कार्यालय के डब्ल्यूबीएन प्रभारी (वासिल बाकी नवीज) बुधराम सारंग द्वारा घूस में कंप्यूटर का सीपीयू और प्रिंटर मांगने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि डब्ल्यूबीएन प्रभारी ने पहले प्रिंटर की मांग की, पीड़ित ने प्रिंटर देने से मना कर दिया। इसके बाद वह कंप्यूटर का सीपीयू मांगने लगे। जब पीड़ित ने दोनों मांग पूरी करने से मना कर दिया, तब प्रभारी ने पीड़ित के चालान के आवेदन वापस कर दिए।
डब्ल्यूबीएन प्रभारी से बात की तब उनका कहना था कि …मैं तो मजाक कर रहा था। अहम बात यह है कि डब्ल्यूबीएन प्रभारी द्वारा ऐसे लोगों से घूंस की मांग की जा रही है जो खुद शासन के खजाने में राजस्व जमा करने आते हैं। यह काम होता है डब्लूबीएन प्रभारी (वासिल बाकी नवीज) का कई मदों का सरकारी खजाने लगान पटाया जाता है, डब्लूबीएन प्रभारी बैंक चालान को हस्ताक्षर करके सत्यापित करता है। प्रभारी के सत्यापन के बिना तय नहीं होता कि कौन सा चालान किस मद में जमा होगा। चालान जमा करने के बाद चालान की मूल प्रति उसके पास जमा होती है, जिसको वह रजिस्टर में दर्ज करता है।

रायपुर कलेक्टर डा. गौरव सिंह ने कहा, मामले का वीडियो प्राप्त हुआ है। आरोपित प्रभारी के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश एसडीएम को दिए गए हैं। ऐसे कृत्य पर सख्त कार्रवाई होगी।

रायपुर तहसील डब्ल्यूबीएन प्रभारी बुधराम सारंग ने कहा, मैंने दो दिन पहले बैंक से पैसा निकालकर कंप्यूटर खरीदा है। इसका बिल भी है मेरे पास मैं किसी से क्यों मागूंगा। ऐसे मजाक में बोल दिया था मैनें।

प्रभारी और पीड़ित के बीच हुए बातचीत के अंश :-

डब्लूबीएन प्रभारी – दे ना यार जो बोला था उसको।

पीड़ित – नहीं दे सकता सर प्रिंटर 12 हजार का आता है।

डब्लूबीएन प्रभारी – तो मॉनीटर दे दो।

पीड़ित – मॉनीटर तो 5 हजार का आता है, मैं नहीं दे सकता।

डब्लूबीएन प्रभारी – मतलब देओगे ही नहीं।

पीड़ित – मैं अपने बच्चे के लिए किस्‍त में लिया हूं खुद।

डब्लूबीएन प्रभारी – कुछ नहीं दोगे।

पीड़ित – नहीं सॉरी सर मैं कुछ नहीं दे सकता।

डब्लूबीएन प्रभारी – ठीक है फिर जाओ।

About the author

Mazhar Iqbal #webworld

Indian Journalist Association
https://www.facebook.com/IndianJournalistAssociation/

Add Comment

Click here to post a comment

Follow us on facebook

Live Videos

Breaking News

Advertisements

Advertisements

Advertisements

Advertisements

Our Visitor

0612193