*पूरे देश मे खरीदी की व्यवस्था हो
*एमएसपी का कानूनी अधिकार मिले
रायपुर 10 जून/ केंद्र की N.D.A.की सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी ,परन्तु आज तक किसानो किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई।बल्कि किसानों की हालत और बत्तर हो रही है,जिस प्रकार से धान का समर्थन मूल्य 143 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया है वो अपर्याप्त है,कांग्रेस की यूपीए शासन काल मे 2004-2005 प्रारम्भ मे धान का समर्थन मूल्य 506 रुपये था । यूपीए के दौरान ही 2013 -2014 मे बढाकर 1360 रुपये हुवा कुल वृद्धि 142.85% रहा । वही मोदी सरकार जब आई 2013-14 मे धान का समर्थन मूल्य 1360 रुपये था । मोदी सरकार के 10 वर्षो मे धान का समर्थन मूल्य 2023-24 मे धान का समर्थन मूल्य 2183 हुवा है, अर्थात 60.51% इन दस वर्षो मे डीजल मे 78.08% की वृद्धि हुवा । बिजली मे 2014 के अनुपात मे 2023 में 77.19 रासायनिक खाद में 2014 के अनुपात में पोटाश 112.5%,एन पी .के. 39%, डी. ए.पी. 22.73% इस प्रकार लागत तीन गुना बड़ गया। आमदनी आधी से कम हो गया। ट्रेक्टर एवं कृषि यंत्रो मे 12 से 18 प्रतिशत जी एस टी वसूल रही है। मोदी सरकार वही दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सरकार लगातार किसान हित मे निर्णय ले रहे है। कर्ज माफ़ी,राजीव गांधी न्याय योजना 20 क्विंटल धान खरीदी से भी ऐतिहासिक निर्णय लेकर साबित कर दिया की भूपेश बघेल कि कांग्रेस सरकार किसानों के सच्चे हितैषी है।
उधो राम वर्मा अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी रायपुर ने मांग की है की छत्तीसगढ़ मे जिस प्रकार अनाज खरीदी हो रही है ,शेष सभी राज्यों मे अनाज खरीदी 25 किस्म के अनाज को समर्थन मूल्य मे खरीदे । स्वामीनाथन आयोग के बराबर छत्तीसगढ़ मे लगभग धान,कोदो,कुटकी,मक्का का खरीदी हो रहे है। पूरे देश मे इसी दर पर समर्थन मूल्य घोषित करे। 2015 में शांता कुमार कमेटी मे बताया था,सिर्फ 6% किसान एम एस पी का लाभ ले रहा है। बाकी किसान खुले बाजार में व्यापारियों के हाथों कम दाम में बेचने को मजबूर हो रहे है। एम एस पी को कानूनी रूप बनाये जाने की मांग कि है। ताकि किसानों को अपनी उपज की सही दाम की गारंटी मिल सके।
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