Chhattisgarh Crime Health

IAS मनोज पिंगुआ, आर प्रसन्ना और राजेन्द्र गौर को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भेजा अवमानना नोटिस, डॉ. वन्दना भेले के स्थानांतरण मामले में

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए आईएएस अधिकारियों मनोज पिंगुआ, आर. प्रसन्ना और राजेन्द्र गौर को अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामला बेमेतरा की तत्कालीन प्रभारी सिविल सर्जन एवं मुख्य अस्पताल अधीक्षक के पद पर पदस्थ डॉ. वन्दना भेले के स्थानांतरण से जुड़ा हुआ है।

डॉ. वन्दना भेले की बेमेतरा में प्रभारी सिविल सर्जन एवं मुख्य अस्पताल अधीक्षक की पदस्थापना के दौरान 30 सितम्बर 2022 को सचिव, स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, झीट, जिला-दुर्ग स्थानांतरित कर दिया गया। उक्त स्थानांतरण आदेश के विरूद्ध रिट याचिका दायर करने पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने चार सप्ताह के भीतर स्थानांतरण नीति के तहत् मामले के निराकरण करने का निर्देश दिया गया।

डॉ. वंदना भेले ने आदेश का पालन नहीं होने पर अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष अवमानना याचिका दायर किया। अधिवक्ताओं ने हाई कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि डॉ. वंदना भेले 15 वर्षों से स्त्री रोग विशेषज्ञ (प्रथम श्रेणी) के पद पर सेवा दे रही हैं इसके बावजूद याचिकाकर्ता की सीनियरटी को बाईपास करते हुए जूनियर मेडिकल ऑफिसर (द्वितीय श्रेणी) के डाक्टर्स को प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (प्रथम श्रेणी) के पद पर पदस्थ किया गया जो कि छग शासन की स्थानांतरण नीति का घोर उल्लंघन है।

अधिवक्तागण ने तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ शासन के अधीन कार्यरत आईएएस एवं आईपीएस अधिकारियों द्वारा लगातार हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना की जा रही है। अवमानना याचिका की सुनवाई के पश्चात् हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आईएएस अधिकारियों सचिव-स्थानांतरण समिति मनोज पिंगुआ, सचिव-स्वास्थ्य विभाग आर. प्रसन्ना एवं अवर सचिव- स्वास्थ्य विभाग राजेन्द्र गौर को अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

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