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रायपुर मुख्य वन संरक्षक नायक के पास कुबेर का खजाना

छत्तीसगढ़ ब्रेकिंग/रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय को शिकायत प्रेषित करने की तैयारी पद और राजनीतिक पहुंच – व्यक्ति को कहां से कहाँ पहुचा देता है, ये देखना चाहतें हैं तो वन विभाग में सहायक वन संरक्षक (ACF) से नौकरी की शुरुआत कर IFS एवॉर्ड लेकर मुख्य वन संरक्षक (CCF) के पद से साल भर में सेवानिवृत्त होने वाले CCF रायपुर जे.आर.नायक को देख सकतें हैं, आप सभी पाठकगण अपने आसपास नज़र दौड़ा कर देखें या आँख बन्दकर अपने जीवन काल में देंखे और बताएं कि क्या कोई सामान्य व्यक्ति अपने पूरे जीवन काल में नौकरी करके ईमानदारी से अपने पारिवारिक दायित्वों को निभाने के बाद करोड़ों रुपये बचा ले।

मुख्य वन संरक्षक नायक का इनके विभाग में भी इमेज बहुत अच्छा नही है, वृत का कोई भी कर्मचारी चाहे वो वनरक्षक से उप-वनमंडलाधिकारी स्तर के कोई भी हो सभी इनके ब्लैकमेल के स्वभाव से परेशान हैं,

ये कोई भी पत्राचार धनउगाही के मंसा के बिना नही करते,

इनके विभागीय कार्यकलापों के अलावा व्यक्तिगत कार्यकलापों को देखेंगे तो आप आश्चर्य चकित रह जाएंगे, सुबह 9 बजे वनमंत्री के बंगले में हाजरी, मंत्री जी के दर्शन व चाय सेवा पश्चात अपने कार्यालय में बैठना, शाम में फिर बंगला के दर्शन हेतु उपस्थिति उसके बाद अपने घर लौटना, इनके कार्यकाल में छोटे कर्मचारी से लेकर अधीनस्थ अधिकारी बहुत परेशान रहतें हैं इसका कारण इनके लटकाने झटकाने व परेशान करने वाले व्यवहार है, इसके लिए इनके द्वारा लिए गए सो-मोटो प्रकरण, नोटिस, विभागीय जांच के प्रकरण में कि की गई कार्यवाही सहितं लिए गए निर्णय, वनरक्षक एवं वनपाल के पदोन्नति में वरीयता सूची से छेड़छाड़, लेंटाना व नरवा योजना के कार्यों की जांच के नाम धन-उगाही इत्यादि की जांच से उपर्युक्त तथ्यों की पुष्टि की जा सकती है।

*सासू मां को बनाया करोड़पति*

नायक साहब के कॉंग्रेस सरकार से इतने मधुर संबंध की कांग्रेस शासनकाल में कमाए 6 करोड़ की रकम को सासू मां के नाम बैंक में जमा रखा गया है।

इसके साथ ही सासू मां के नाम P4A 700 सेक्टर 27 नवा रायपुर में जमीन, परिवार के नाम मंदिर हसौद में खसरा नंबर 56/8 जमीन, कबीरनगर रायपुर में 4 से 5 करोड़ का बंगला, धरमपुरा रायपुर में लगभग 10 करोड़ का निर्माणाधीन बंगला, पिथौरा के आगे मेमरा गांव में 5 करोड़ का फार्म हाउस, इसके अतिरिक्त अन्य संपत्ति व बैंक एकाउंट जो अभी तक नजर में नही हैं उन्हें भी जांच में शामिल करने से करोड़ों की संपत्ति सामने आएगी।

शिकायतकर्ता ने बहुत जल्दी उपरोक्त तथ्यों की शिकायत को ED प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली को भेजने की बात करते हुवे शिकायत के तथ्यों से एडिटर इन चीफ़ को अवगत कराया।

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