Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ वन विभाग में फर्जी अनुकंपा नियुक्त दो महिला कर्मचारी बर्खास्त एक पर जांच के आदेश

रायपुर। भिन्न भिन्न वन मंडल कार्यालय मे अलग अलग मामले में फर्जी रूप से कार्य करते पाए जाने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा उन्हें तत्काल सेवा से बर्खास्त करने की कार्यवाही करने का आदेश जारी किया है। जिसमें एक मामला रायपुर वन मंडल एवं दो मामला कटघोरा वन मंडल का बताया जाता है जहां सहायक ग्रेड -3 के पद पर फर्जी तरीके से अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त कर लंबे समय से शासकीय राशि एवं दिए जाने वाली समस्त विभागीय लाभ का उपभोग करने वाले कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त करने का पत्र जारी किया गया है वहीं रायपुर वन मंडल में लंबे समय से बगैर कागजात, दस्तावेज एवं नियुक्ति आदेश के फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी करने वाले वन कर्मी के विरुद्ध भी जांच करने के आदेश विभाग ने जारी किए है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय नवा रायपुर के दिनांक 05/07/2022 को जारी पत्र क्रमांक प्रशा/अराज 1/उ.व.क्षे./432/2022/7183 में मुख्य वन संरक्षक को लिखे आदेश पत्र में उल्लेख किया गया है कि विभिन्न माध्यमों से शिकायत के आधार पर कटघोरा वन मंडल में श्रीमती अनुपमा धुर्वे एवं श्रीमती रजनी राठौर जो विगत कई वर्षों से सहायक ग्रेड -3 के पद पर फर्जी तरीके से अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त कर वन विभाग के समस्त लाभ एवं वेतन उठा रही थी जिनकी शिकायत महासमुंद निवासी अश्वनी सोनी ने किया था। शिकायत को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए पीसीसीएफ ने तत्काल दोनों कर्मचारियों को बर्खास्त करते हुए पद मुक्त करने का आदेश जारी किया वही जंगल सफारी एवं नंदन वन में कार्यरत पिंकेश्वर दास वैष्णव फॉरेस्ट गार्ड के दस्तावेज नियुक्ति आदेश पत्र भी रायपुर वन मंडल जंगल सफारी कार्यालय में उपलब्ध नही है तथा वह भी लगभग दस वर्षों से यहां जंगल सफारी में कार्यरत है यह जानकारी अभय पांडे एसडीओ जंगल सफरी के द्वारा रायपुर निवासी मज़हर इकबाल पत्रकार को आरटीआई में जानकारी मांगने पर प्रदान की थी जवाब से असंतुष्ट होकर इसकी शिकायत ऊपर करने पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक नवा रायपुर ने बगैर दस्तावेज के पिंकेश्वर दास वैष्णव के द्वारा कार्यालय में कैसे कार्यरत है इसकी जांच रिपोर्ट मांगी है। बताते चलें कि बर्खास्तगी की कार्यवाही में फर्जी तरीके से विभागीय लाभ उठाने वाले कर्मचारियों पर वन अधिनियम के तहत अब तक उठाए गए समस्त लाभ वेतन इत्यादि की रिकवरी की जा सकती है यही नही फॉरेस्ट गार्ड पिंकेश्वर दास वैष्णव के जांच में यदि वह भी फर्जी नियुक्ति से कार्य कर रहा होगा तो रिकवरी के साथ मिलने वाले समस्त लाभ सेवानिवृत्त पश्चात मिलने वाली राशि से भी वंचित होना पड़ेगा तथा शासन की आंखों में धूल झोकते हुए शासकीय राशि के फर्जी आहरण कर उपभोग के अपराध में उसे जेल भी हो सकती है यही नही सूचना के अधिकार में पिंकेश्वर दास वैष्णव के दस्तावेज न होने के बावजूद विभाग में कार्य करने की जानकारी होने पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना न देते हुए फर्जी तरीके से फॉरेस्ट गार्ड पिंकेश्वर दास वैष्णव को शासन में सेवा देते रहने जैसे गंभीर अपराध में सहयोग करने लंबे समय तक अधिकारियों को गुमराह करते हुए अंधेरे में रखने के एवज में तात्कालिक जंगल सफारी के जन सूचना अधिकारी अभय पांडे एस डी ओ पर भी विभागीय गाज गिर सकती है।

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