Chhattisgarh

राज्य निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने के लिए विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची में नाम होना अनिवार्य

*-नगरीय निकाय चुनाव में मतदान करने के लिए निश्चित समयावधि में जुड़वा लें अपना नाम*
*-छत्तीसगढ़ नगर पालिका निर्वाचन नियम में महत्वपूर्ण संशोधन*
*-छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में दी गई जानकारी*
*-दुर्ग,रायगढ और बेमेतरा जिले के उप जिला निर्वाचन अधिकारी और मास्टर ट्रेनर हुए शामिल*
निर्वाचन भवन,नवा रायपुर अटल नगर 14 जुलाई.
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यालय ”निर्वाचन भवन“ में उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनरो के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ नगर पालिका निर्वाचन नियम में महत्वपूर्ण संशोधनों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।आयुक्त श्री ठाकुर राम सिंह ने प्रशिक्षण में दुर्ग,रायगढ और बेमेतरा जिले से आये प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न नगरीय निकायों में होने वाले आम चुनाव एवं उप चुनाव में नए नियमों एवं प्रावधानों का पालन किया जाना है इसलिए सभी प्रतिभागी बारीकी से इन नियमों का अध्ययन करें, ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि की संभावना न रहे।
छत्तीसगढ़ नगरपालिका निर्वाचन नियम, 1994 में महत्वपूर्ण संशोधन
प्रशिक्षण में उप सचिव डॉ संतोष कुमार देवांगन ने बताया कि नगरीय निकायों के निर्वाचन हेतु तैयार की जाने वाली मतदाता सूची में अब ऐसे व्यक्तियों के नाम ही दर्ज किए जा सकेंगे जिनका नाम भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन हेतु तैयार की गई मतदाता सूची में शामिल हों।उन्होंने बताया कि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की अधिसूचना दिनांक 15 जनवरी 2021 के अनुसार छत्तीसगढ़ नगरपालिका निर्वाचन नियम, 1994 के नियम 3-ग नया जोड़ा गया है एवं नियम 5 के उप नियम (1) में संशोधन किया गया है।
*क्या हैं प्रारूप क ,क-1,ख और ग*
डॉ संतोष कुमार देवांगन ने बताया कि पूर्व में, प्रारंभिक प्रकाशन के बाद दावा/आपत्ति के दौरान भारत निर्वाचन आयोग की अद्यतन निर्वाचक नामावली में नाम न होने पर भी उनके आवेदन नाम जोड़ने हेतु लिए जाते थे किन्तु संशोधन उपरांत केवल उन्हीं पात्र व्यक्तियों से ही आवेदन लिए जाएंगे जिनके नाम भारत निर्वाचन आयोग की निर्वाचक नामावली में तो है किन्तु प्रारंभिक प्रकाशन में उनका नाम छूट गया हो तथा उनका नाम गलत वार्ड में दर्शित हो गया हो। इसके लिए प्रारूप-क के तहत आवेदन लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नियम 5 में संशोधन उपरांत प्रारूप क(1) जोड़ा गया है। इसमें ऐसे व्यक्तियों से आवेदन लिया जाएगा जिनके नाम पूर्व में भारत निर्वाचन आयोग के निर्वाचक नामावली में नहीं है किन्तु उनके नाम दावा/आपत्तियां के प्रारंभिक प्रकाशन की तिथि से लेकर दावा/आपत्ति के निपटारे की अंतिम तिथि तक भारत निर्वाचन आयोग की निर्वाचक नामावली में दर्ज कर लिए गए हों। उल्लेखनीय है कि प्रारूप क (1) में आवेदन केवल रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों /सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को ही प्रस्तुत किए जा सकेंगे। इस आवेदन के साथ भारत निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची में नाम दर्ज होने संबंधी दस्तावेजी साक्ष्य जैसे कि रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का आदेश या जारी किया गया इपिक कार्ड प्रस्तुत करना होगा। इसी प्रकार प्रारूप (क-1) में साॅफ्टवेयर में आदेश तिथि ईपिक नंबर डालने पर ही संबंधित आवेदक का नाम दर्ज किया जा सकेगा। प्रारूप (क-1) के माध्यम से नाम जोड़ने के पूर्व संबंधित रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का दायित्व होगा कि वह पूरी तरह सुनिश्चित हो जाये कि संबंधित आवेदक का नाम भारत निर्वाचन आयोग की निर्वाचक नामावली में दर्ज है। साथ ही प्रारूप ख में प्रविष्टियों में संशोधन संबंधी एवं प्रारूप( ग) में विभिन्न कारणों में विलोपन संबंधी आवेदन प्रस्तुत किए जा सकेंगे। प्रारूप क, ख एवं ग के आवेदन मतदान केन्द्रों में प्राधिकृत कर्मचारी द्वारा स्वीकार किए जाएंगे।
*जनसामान्य और राजनैतिक दलों को संशोधन संबंधी प्रावधानों की जानकारी होना जरूरी*
आयुक्त श्री ठाकुर राम सिंह द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागियों को निर्देश दिए कि प्रावधान में किए गए संशोधन के बारे में जनसामान्य को जानना बहुत जरूरी है इसलिए अपने अपने जिलों में इसका पर्याप्त प्रचार प्रसार करें।साथ ही राजनैतिक दलों को भी संशोधन संबंधी प्रावधानों से अवगत कराएं।राज्य निर्वाचन आयोग में प्रशिक्षण प्राप्त उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनर संबंधित जिलों में छत्तीसगढ़ नगरपालिका निर्वाचन नियम में निर्वाचक नामावली संबंधी संशोधन संबंधी प्रावधानों से सभी संबंधित रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों ध्सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियोंध्प्राधिकृत कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षित करेंगे। बैठक में निर्देश जारी किए गए कि निर्वाचक नामावली तैयार करते समय वार्डों में विभाजन करते समय विशेष सावधानी रखें ताकि त्रुटि न हों इसके लिए मुस्तैदी से फील्ड वर्क करना होगा। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार की गई साॅफ्टवेयर के माध्यम से ही तैयार किया जाना है। इस संबंध में भी समय पूर्व पर्याप्त प्रशिक्षित डाटा एण्ट्री ऑपरेटर एवं आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।उल्लेखनीय है कि नगरपालिक निगम भिलाई चरौदा और नगर पालिका परिषद सारंगढ़ में आम चुनाव तथा रायगढ़ जिले के नगर पालिक निगम रायगढ़,दुर्ग जिले के नगर पंचायत उतई और बेमेतरा जिले कि नगरपालिका परिषद बेमेतरा तथा नगर पंचायत थान खम्हरिया में उप चुनाव होने हैं।

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