सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले आरोपित विकास हिरदानी, मनोज सिंह व पूजा कुमेटी को गिरफतार कर रिमांड पर जेल भेज वही सब इंस्पेक्टर किशोर तिवारी फरार…
कांकेर थाना में पदस्थ सब इंस्पेक्टर किशोर तिवारी अभी भी फरार हैं इसकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर सर्व समाज के द्वारा एक दिवसीय धरना दुर्गकोंदल में दिया गया और भानुप्रतापपुर में नाबालिग से गैंगरेप की घटना करने वाले पुलिस सब इंस्पेक्टर किशोर तिवारी को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की गई गांड़ॉ समाज के संभगीय अध्यक्ष आंनद माहवे ने कहा कि गैंगरेप के 16 दिन बाद भी आरोपी पुलिस सब इंस्पेक्टर किशोर तिवारी की गिरफ्तारी नहीं होंने से पुलिस विभाग के कार्यशैली पर संदेह हो रहा है। कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर थानांतर्गत एक नाबालिग द्वारा कांकेर थाना में पदस्थ एक सब इंस्पेक्टर व उसके दो साथियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इस मामले में एक युवती के भी शामिल होने की बात नाबालिग द्वारा की गई है। पुलिस ने तीनों आरोपी के व युवती के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। दोनों आरोपी व युवती अभी पुलिस के गिरफ्त में है तो वहीं कांकेर में पदस्थ सब इंस्पेक्टर अभी फरार है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला होली के दिन का है। अंतागढ विकासखंड की एक नाबालिग आदिवासी लडकी होली के एक दिन पूर्व कांकेर गई थी और उसी दिन शाम को वापस आकर भानुप्रतापपुर के एक लॉज में रूकी। उक्त नाबालिग लडकी के अनुसार घर जाने के लिए कोई वाहन नहीं होने के कारण उसे भानुप्रतापपुर के लाज में रूकना पड़ा। दूसरे दिन होली के कारण उसे फिर से गाड़ी नहीं मिली और वह अपनी परिचित नयापारा निवासी पूजा कुमेटी के घर रूक गई। जबकि उसी रात पूजा के ही घर में आरोपी सब इंस्पेक्टर किषोर तिवारी 38 वर्ष जो कि कांकेर थाना में पदस्थ है, विकास हिरदानी 38 वर्ष निवासी कांकेर व मनोज सिंह 29 वर्ष निवासी कांकेर ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। जिसके बाद लड़की बेहोश हो गई। दूसरे दिन सुबह उक्त नाबालिग लड़की वापस अपने घर चली गई। जिसके करीब 7 दिन बाद 4 अप्रैल को नाबालिग युवती ने अपने परिजनों के साथ भानुप्रतापपुर थाना आकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में नाबालिग ने बताया कि आरोपियों द्वारा घटना की जानकारी किसी को देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। जिसके कारण वह इतने दिनों तक चुप थी। विदित हो कि नयापारा निवासी पूजा कुमेटी जिसके घर में यह वारदात हुई थी वह इसके पूर्व भी इसी तरह के कार्यो में संलिप्त थी। वर्ष 2014 में वह 15 से 17 दिनों तक जेल की हवा खा चुकी थी। इस पूरे मामले में अहम भूमिका पूजा ने ही निभाई थी। प्रार्थिया के अनुसार पूजा ने ही रात को उक्त तीनों आरोपियों को अपने घर बुला कर उक्त कृत्य करने उनका साथ दिया है। पुलिस ने तीन आरोपितों के खिलाफ धारा 376 डी, 506, 34 आईपीसी, 3(2) वी एससीएसटी एक्ट, व 4-6 पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं पूजा को संपूर्ण दुष्कर्म में सहयोग व संरक्षण देने का आरोपित बनाया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज होने के बाद 4 अप्रैल को देर रात तक आरोपित विकास हिरदानी, मनोज सिंह व पूजा कुमेटी को गिरफतार कर रिमांड पर जेल भेज दिया है। जबकि एसआई किशोर तिवारी अभी भी फरार है। फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस सक्रिय है। लेकिन इस मामले में पुलिस विभाग की साख पर एक धब्बा तो जरूर लगा दिया है। इतने संवेदनषील अपराध में एक पुलिस अधिकारी की संलिप्तता ने मामले को और अधिक गंभीर बना दिया है। इस पूरे मामले के प्रकाष में आने के बाद भानुप्रतापपुर में देह व्यापार संचालित होने की चर्चाएं भी जोरों से व्याप्त हैं। इस मामले में भानुप्रतापपुर एसडीओपी अमोलक सिंह ढिल्लो ने कहा कि मामला बेहद संगीन है, अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि मामले में संलिप्त एसआई की तलाश जारी है, बहुत जल्दी उसे भी पकड़ लिया जाएगा।
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