रायपुर! आज दिनांक 9 जून 2020 दिन मंगलवार को छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग मुख्यालय में स्थित आयोग न्यायालय में कोविड-19 के मद्देनजर सरकार द्वारा जारी किये गये। सुरक्षा निर्देशों का पालन करते हुए आयोग में प्रकरण करते हुए सुनवाई की गई। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र छाबड़ा जी ने बताया कि राज्य में संचालित मदरसों के संदर्भ में एक प्रकरण आयोग में दर्ज किया गया है। प्रकरण में बताया गया है, कि सत्र 2016-17 में 282 मदरसे अनुदानित थे जिसमें 218 मदरसों को ही भुगतान किया गया और 64 मदरसों को इनका प्रस्ताव अनियमितता के वजह प्राप्त नहीं हुआ साथ ही बोर्ड के द्वारा माध्यमिक शाला को सत्र 2015-16 में कम्प्युटर दिया गया था जितने भी दिये गये सब घटिया किस्म के है। ज्यादातर खराब हो चुके है। मदरसा बोर्ड द्वारा प्रतिवर्ष प्रत्येक शिक्षकों को शासन से 1500/- रू. प्राप्त होता है, किन्तु शिक्षको को बगैर प्रशिक्षण दिए, फण्ड कहाँ जाता है पता नहीं, इसमे भी मदरसा बोर्ड के द्वारा अर्थिक अनियमितता प्रतीत होती है। मदरसा के संबंध में जब भी मदरसा शिक्षक/शिक्षिकाएं मदरसा बोर्ड के अधिकारी/कर्मचारियों से सम्पर्क करते है तो डांट फटकार अभद्र व्यवहार किया जाता हैै। उपरोक्त बिन्दुओं समेंत कुल 09 बिन्दुओ पर संबंधित शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया गया है, इसके बाद आयोग के अधिनियमों के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। इस दौरान आयोग के सदस्य श्री हफीज खन एवं श्री अनिल जैन तथा आयोग के सचिव श्री एम. आर. खान भी मौजुद रहे।
फिजिकल डिस्टेंशिंग के नियमों के साथ अल्पसंख्यक आयोग न्यायालय में की गई सुनवाई
June 9, 2020
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