संचालक एवं अपर संचालक के सार्थक प्रयासों से जारी हुए स्वतंत्रता दिवस पर विज्ञापन
भोपाल। कांग्रेस की पिछली कमलनाथ सरकार के तानाशाहीपूर्ण रवैये के चलते प्रदेश के लघु एवं मध्यम समाचार पत्र पत्रिकाओं के प्रकाशकों के सामने गहरा संकट खड़ा हो गया था। कमलनाथ सरकार की दोषपूर्ण नीतियों की वजह से कई समाचार पत्रों का प्रकाशन तक बन्द करना पड़ा था। इसको लेकर पत्रकारों में भारी रोष व्याप्त था। इसी बीच एक चमत्कार की तरह प्रदेश में पत्रकार की हितैषी सरकार शिवराज सिंह चौहान के रूप फिर से सत्ता में आई,और पत्रकारों के चेहरे कमल की तरह खिल उठे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जनसम्पर्क संचालक आशुतोष प्रताप सिंह एवं अपर संचालक एच.एल.चौधरी की पत्रकार हितैषी सोच का ही परिणाम है कि पिछले एक साल से विज्ञापन के लिए सूखा झेल रहे लघु एवं मध्यम समाचार पत्र पत्रिकाओं को इस बार स्वतंत्रता दिवस पर विज्ञापन जारी हुये औऱ प्रकाशकों के चेहरों पर खुशियां वापस लौटी है।पिछली कांग्रेस सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के चलते मध्यप्रदेश जनसम्पर्क संचालनालय की छवि को धूमिल करने में जनसम्पर्क संचालनालय के पूर्व अधिकारी प्रलय श्रीवास्तव की संदिग्ध भूमिका महत्वपूर्ण रही है,जिन्होने तत्कालीन जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा एवं शोभा ओझा के इशारे पर पत्रकार विरोधी नीति अपनाई गई, लगातार उन्हें प्रताड़ित करने के नए-नए तरीके अपनाए गये। इतना ही नहीं सरकार और मंत्रियों के इस चाटुकार अधिकारी की वजह से पत्रकारों को अपने हक के लिए सड़क पर उतरना पड़ा। पत्रकारों के विरोध की आग की लपटों में घिरी कमलनाथ सरकार को आखिर सत्ता से हाथ धोना ही पड़ा। जिस प्रकार से तथाकथित और भृष्ट अधिकारी ने जनसम्पर्क विभाग की छवि को बट्टा लगा रखा था, इसे अधिकारी को मुख्यालय से हटाकर सागर भेज दिया गया है !
कमलनाथ सरकार ने जिन लघु एवं मझोले समाचार पत्र, पत्रिकाओं का भुगतान रोका था , शिवराज सरकार में उन सभी पत्र, पत्रिकाओं का भुगतान अधिकतर हो चुका है शेष बचा भी जल्द होने की संभावना है विज्ञापन औऱ भुगतान होने से पत्रकारों में खुशी का महौल है इसे जनसम्पर्क संचालक आशुतोष प्रताप सिंह एवं एच.एल.चौधरी के अथक प्रयासों ने वापस लौटाया है। साथ ही प्रदेश के पत्रकारों में एक उम्मीद की किरण भी जागी है। जो आने वाले समय में मंगलमय होगा।
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