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मरवाही सीईओ की लापरवाही से लोगों को नहीं मिल रहा है श्रद्धांजलि और परिवार सहायता योजना का लाभ

मरवाही | छत्तीसगढ़ सरकार के पंचायत मंत्री महाराजा टी एस सिंहदेव को यह जान कर बहुत निराशा होगी की एक ओर जहां छत्तीसगढ़ सरकार पंचायत विभाग के योजनाओं के नाम गिनाते नहीं थक रही है वहीं लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिलना महज एक सफ़ेद हाथी देखने के बराबर प्रतीत हो रहा है | सरकार ने लोगों की भलाई के लिए योजनायें तो बना दी है लेकिन जमीनी स्तर पर यह योजनायें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं और लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है | इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए लोगों को ऑफिस-ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं और अंत में थक हार कर के लोग इन योजनाओं की लाभ लेने की बात करना ही छोड़ देते हैं | पंचायत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तो लोगों को बिना अपने फायदे के योजनाओं का लाभ दिलाते नहीं हैं और यदि कोई इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आवाज भी उठाता है तो पूरा अमला उसे अपात्र घोषित करने के जद्दोजहद में लग जाता है | कुछ ऐसा ही हाल जनपद पंचायत मरवाही और उसके अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों का है जहाँ के पंचायत सचिव लोगों को श्रद्धांजलि योजना और परिवार सहायता योजना जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ भी लोगों को नहीं दिला रहे हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है की यह सब मरवाही सीईओ एम के यादव की लापरवाही का नतीजा है |
मामला नवगठित जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के ग्राम पंचायत सिवनी का है जहां की निवासी महिला जीलाबाई मानिकपुरी ने युवा कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी से दिनांक 22/05/2020 को अपने पति के मृत्यु के बाद पंचायत विभाग से मिलने वाली श्रद्धांजलि योजना और परिवार सहायता योजना की राशी दिलाने की मांग की है | जीलाबाई मानिकपुरी का कहना है की उनका परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा है इसके बाद भी उन्हें योजनाओं की मिलने वाली सहायता राशी नहीं दी गई है | जीलाबाई मानिकपुरी के पति स्वर्गीय बालाराम मानिकपुरी का देहांत दिनांक 04/01/2020 को हो गया था लेकिन उन्हें ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा तुरंत मिलने वाली श्रद्धांजलि योजना की राशी नहीं दी गई थी | साथ ही जीलाबाई ने परिवार सहायता योजना के तहत मिलने वाली राशी का फॉर्म खरीदकर भरवा के ग्राम पंचायत सिवनी सचिव भुनेश्वर सिंह के पास जमा किया था लेकिन फिर भी आज तक उन्हें सहायता राशी प्राप्त नहीं हुआ है | जबकि जीलाबाई का कहना है उनका नाम सर्वे सूचि 2011 में क्रमांक 34 पर दर्ज है और 2002 की सर्वे सूचि में भी उनके ससुर बैठोली का नाम दर्ज है | इसके बाद भी हमें शासन से मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है जो की बहुत दुःख की बात है | विधवा महिला का कहना है की उसका पेंशन भी अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ है जबकि पूरा ग्राम पंचायत जानता है की उसका परिवार बहुत ही गरीब परिवार है और मेहनत मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रहा है |
सूत्रों से पता चला है की यह एक महिला की समस्या नहीं है बल्कि जनपद पंचायत मरवाही के लगभग हर ग्राम पंचायत की है, ग्राम पंचायत सरपंच, सचिव साल भर में कितने लोगों की मृत्यु हुई यह पता जारी किये गए मृत्यु प्रमाण पत्रों के आधार पर लगा लेते हैं और उसके आधार पर श्रद्धांजलि योजना के राशी को निकाल लेते है जो हितग्राहियों को मिलने के बजाय सीधे उनके और अधिकारीयों के जेब में जाती है | जबकि श्रद्धांजलि योजना की राशी मुखिया के मृत्यु के बाद तुरंत उसी दिन दाह संस्कार और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए आश्रितों को दो हजार रूपये दिए जाने का प्रावधान है | इसी प्रकार से परिवार सहायता की राशी भी ग्राम पंचायतों में प्रस्ताव पारित होने के बाद जनपद पंचायत के सामान्य सभा में इसका अनुमोदन किया जाता है जिसके बाद यह राशी हितग्राहियों को दी जाती है | लेकिन यह राशी भी सम्बंधित बाबू के द्वारा तब तक नहीं दिया जाता है जब तक की उसे निर्धारित कमीशन सचिव से प्राप्त ना हो जाये | हितग्राही केवल ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत के चक्कर काटते रह जाते हैं |
बहरहाल देखना यह होगा की की शिकायत के बाद युवा कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी आवेदिका को मिलने वाली सहायता राशि दिला पाते हैं या फिर महिला ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत के चक्कर ही काटती रह जाती है |

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