फडणवीस की सरकार को ‘अवैध सरकार’ करार देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की मांग है कि राज्य सरकार को बिना देरी के अपना इस्तीफा देना चाहिए।”
BJP की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार को ‘अवैध’ बताते हुए कांग्रेस ने रविवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से तत्काल इस्तीफे की मांग की। विपक्षी पार्टी की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की रविवार की सुनवाई के बाद आई है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से समर्थन पत्रों को प्रस्तुत करने को कहा, जिसका इस्तेमाल फडणवीस ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के दावे के लिए किया। इन समर्थन पत्रों को सोमवार को सुबह 10.30 बजे प्रस्तुत करना है। फडणवीस की सरकार को ‘अवैध सरकार’ करार देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि राज्य सरकार को बिना देरी के अपना इस्तीफा देना चाहिए और सोमवार को सदन के पटल पर बहुमत साबित करना चाहिए। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।” चव्हाण ने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट सोमवार को उनके पक्ष में और महाराष्ट्र के लोगों के पक्ष में फैसला देगा, क्योंकि मौजूदा सरकार ‘अवैध’ है और एक भी दिन शासन करने के लिए ‘योग्य’ नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र सरकार के गठन के मुद्दे पर सुनवाई टालने के आदेश के बाद चव्हाण ने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा, “अगर हम महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बारे में निश्चित नहीं होते तो हम फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं करते।” सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा फडणवीस को आमंत्रित करने का पत्र और BJP नेता के राज्य में सरकार बनाने के दावे का पत्र जमा करने को कहा है।
चव्हाण ने सवाल किया कि अगर महाराष्ट्र सरकार के पास बहुमत है तो सरकार फ्लोर टेस्ट क्यों नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा, “वे फ्लोर टेस्ट के लिए समय की मांग क्यों कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “यह एक अवैध सरकार है। फ्लोर टेस्ट में यह साफ हो जाएगा कि BJP और अजीत पवार के पास बहुमत नहीं है।”
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस को संयुक्त रूप से फडणवीस सरकार को 24 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश देने को लेकर कोई अंतरिम राहत नहीं दी। इसके बजाय कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे से सोमवार को दो पत्रों पर विचार करने के बाद निपटा जाएगा। न्यायमूर्ति एन वी रमना की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि चुनाव बाद गठबंधन ‘महा विकास अगाड़ी’ की याचिका पर मौजूदा समय में विचार नहीं किया जाएगा, जो शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से उन्हें आमंत्रित किए जाने का निर्देश दिए जाने की मांग कर रही है।
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