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राज्यपाल सुश्री उइके ने सचिव श्री जायसवाल द्वारा लिखित पुस्तक का किया विमोचन

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज यहां राजभवन में राज्यपाल के सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल द्वारा लिखित ’’वीआईपी विजिट एवं सत्कार के आयाम’’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। राज्यपाल ने कहा कि वीआईपी आगमन विषय पर लिखी गई यह पुस्तक वाकई सराहनीय है। इसमें विशिष्ट अतिथियों के आगमन की तैयारी से लेकर अन्य व्यवस्थाओं का विस्तृत वर्णन किया गया है। श्री जायसवाल इसके लिए बधाई के पात्र है।

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री जायसवाल ने बताया कि राज्य निर्माण के साथ प्रदेश में विशिष्ट अतिथियों का हमेशा आगमन होते रहता है। उनके लिए राजस्व अधिकारियों को जरूरी व्यवस्थाएं करनी पड़ती है। इन अवसरों पर राजस्व अधिकारियों को कुछ कठिनाईयों को सामना भी करना पड़ता है। इस पुस्तक में व्यवस्थाओं से संबंधित सारे बिन्दुओं को समाहित करने का प्रयास किया गया है, जिससे वीआईपी आगमन की त्रुटिरहित व्यवस्था की जा सके।

उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक में विशिष्ट अतिथि के भ्रमण कार्यक्रम मिलने से लेकर निमंत्रण पत्र प्रारूप, उनका मुद्रण से वितरण तक की व्यवस्था से लेकर और स्वागत एवं विश्राम गृह का प्रबंध के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही विशिष्ट अतिथि के सड़क, रेल या विमान-हेलीकॉप्टर से आगमन-प्रस्थान की व्यवस्था के बारे में मार्गदर्शी जानकारी दी गई है। यदि विशिष्ट अतिथि का कोई कार्यक्रम हो तो उनके आयोजन, कार्यक्रम स्थल और मंच और बैठक की व्यवस्था कैसी होनी चाहिए तथा उनसे जुड़ी अन्य बातों पर प्रकाश डाला गया है। सामान्यतः वीआईपी आगमन पर उनसे मिलने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं, अतः भेंटकर्ता की जानकारी सहित सारी व्यवस्थाओं की आवश्यक जानकारी भी इस पुस्तक में दी गई है। विशिष्ट अतिथि के प्रचार-प्रसार के लिए प्रिंट-इलेक्ट्रानिक मीडिया इच्छुक रहती है। इनसे जुड़े सारे इंतजाम को सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए आवश्यक सुझाव भी इस पुस्तक में दिए गए है। इस पुस्तक का प्राक्कथन अपर मुख्य सचिव श्री सी.के.खेतान ने लिखा है।
गौरतलब है कि इस पुस्तक के लेखक श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल वर्तमान में राज्यपाल के सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साईंस, एल.एल.बी., एम.ए. (इतिहास एवं समाजशास्त्र) तक शिक्षा प्राप्त की है। वे 1984 में राज्य प्रशासनिक सेवा में चयन के पश्चात सर्वप्रथम शहडोल में डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त हुए। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति के पश्चात महासमुंद और जशपुर में कलेक्टर के पद पर अपनी सेवाएं प्रदान की। उसके पश्चात राज्य कृषि विपणन मण्डी बोर्ड एवं छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित में प्रबंध संचालक एवं रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी तथा सामान्य प्रशासन विभाग में विशेष सचिव और आयुक्त-सह-संचालक पंचायत के पद पर कार्यरत रहे। इसके पहले श्री जायसवाल की ’’राजस्व प्रकरणों में आदेश लेखन’’ स्थानीय स्वशासन में वित्तीय समावेशन और विभिन्न अधिनियमों में राजस्व अधिकारियों के अधिकार एवं शक्तियां नामक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। यह पुस्तक आनलाइन भी उपलब्ध होगी।
इस अवसर पर श्री जायसवाल की धर्मपत्नी श्रीमती रमा जायसवाल और उनकी पुत्री सुश्री अपराजिता जायसवाल, राज्यपाल के परिसहाय द्वय श्री अनंत श्रीवास्तव, श्री भोजराज पटेल, संचालक संपदा श्री जागेश्वर कौशल, राजभवन के नियंत्रक श्री हरवंश मिरी, पूर्व नियंत्रक श्री सुरेश अग्रवाल, पुस्तक के प्रकाशक श्री सुधीर शर्मा सहित राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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