Chhattisgarh

कोडार काष्ठागार में करोड़ो का घपला 2431 नग 436.459 घन मीटर सागौन लट्ठा का अवैध बिक्री

कोडार काष्ठागार में करोड़ो का घपला 2431 नग 436.459 घन मीटर सागौन लट्ठा का अवैध बिक्री

लोकशन – रायपुर
रिपोर्टर – मज़हर इक़बाल

छत्तीसगढ़ वन विकास निगम बारनवापारा परियोजना मंडल के कोडार काष्ठागार डिपों में करोड़ो का घपला 2431 नग 436.459 घन मीटर सागौन लट्ठा का अवैध बिक्री

रायपुर । छ. ग. राज्य वन विकास निगम के अधिनस्थ बारनवापारा परियोजना मंडल के कोडार काष्ठागार डिपों लगभग करोड़ो रूपया का घपला सामने आया है! कोडार काष्ठागार डिपों में विगत कई वर्षों से लकड़ी का हेराफेरी चल रहा था, लेकिन इसकी भनक प्रबंध संचालक को भी लगने नही दिया है। जब से कोडार काष्ठागार डिपों खुला है तब से एक एक एक रिकार्ड का जांच किया जाना चाहिए तब सारे मामला का खुलासा हो सकता है।
यह मामला वन विकास निगम के कोडार काष्ठागार डिपों में कार्यरत ग्रेडर के द्वारा लिखे हुए लेटर से हुआ है! जिसमें सारे विवरण से मंडल प्रबंधक को अवगत कराया है ग्रेडर ने लिखित रूप से बताया है कि सितंबर 2021 की स्थिति में काष्ठ की आमद, निर्वतन, और अंतर की जानकारी से अवगत कराया है।
नीलाम में प्रस्तावित रखा गया काष्ठ आमद से ज्यादा नीलाम में रखा गया था जिसमें 2431 नग 436.459 घ. मी. काष्ठ ज्यादा बढ़ोतरी हुआ है, इतनी मात्रा में काष्ठ बढ़ा हुआ है उक्त सागौन काष्ठ कहां से आया है, और कैसे प्राप्त हुआ है जांच का विषय है!
कोडार काष्ठागार डिपो का बड़ा कारनामा सबके सामने खुलकर आया है, चालान क्रमांक 8382/04 दिनांक 01.09.2021 को POR मटेरियल चालान द्वारा डिपों में प्राप्त हुआ है, जिसका डिपों नंबर 78867 से 78874= 08 नग की जिसकी डिपों एलाट नंबर हुआ है लेकिन नीलाम में इस डिपों नं. की लट्ठा ही नही था।

बड़ा गजब का खेला कोडार काष्ठागार डिपों में- माह मई 2021 से सितंबर तक के आमद में चालान में बल्ली को काष्ठ बना दिया गया है, अब बल्ली का काष्ठ बनना बड़ा गजब का खेला है, लेकिन नीलाम में उस डिपो नं. की काष्ठ नीलाम में नही है प्रत्येक चालान में 10 से 15 नग बल्ली को लट्टा बनाया है।
अनुज्ञा पत्र में भी लट्टा बल्ली बेचते है उसे रास्ता में कुछ मत हो करके अनुज्ञा पत्र में जितना नग बेंचता है उसे किसी भी लाट में लिखकर नग बढ़ाकर घ. मी. को यथावत रखकर जारी कर दिया जाता है! येसा दिमांग लगाने वाला वह अधिकारी कौन है जो इस प्रकार के कार्य को अंजाम दिया है, येसे ही कार्य जब से डिपों खुला है तब से चला आ रहा होगा, न जाने कितने ट्रक सागौन माल को पार कर दिया होगा। उस समय टीपी कौन काटता था रिपोर्ट कौन बनाता था यह भी जांच का विषय है, जब वर्ष 2021-22 में इतनी भारी मात्रा में जंगल से रातों रात माल आ गया, तो न जाने 20-22 वर्षो में कितना माल आया होगा और अवैधानिक रूप से खपा दिया होगा?
ग्रेडर ने लिखित रूप से मंडल प्रबंधक को पत्र के माध्यम से बताया की मनी रसीद में भी वाहन चालक से नियमानुसार राशि की वसुली किया जाता है लेकिन मनी रसीद में राशि बंचाकर कम राशि लिख दिया जाता है। ग्रेडर ने छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम की सारी पोल खोलकर रख दिया है करोडों का घपला किया गया है। न जाने जब से डिपों खुला है तब से कितना हजारों करोड़ो रूपया का सेंध लगा दिया होगा, जिस प्रकार से खुलासा हो रहा है उससे येसा प्रतित होता है कि आंखों के सामने ट्रको ट्रक काष्ठ निकल गया होगा और प्रबंध संचालक को इसकी भनक तक नही लगी होगी !

कौन काटता रहा टीपी कौन बनाता रहा जानकारी – कोडार काष्ठागार डिपों जब से खुला है तब से कौन टीपी काटता था किसकी राईटींग है कौन गोस्वारा बनाकर जानकारी वरिष्ठ कार्यालय भेजता था इसकी सुक्ष्म रूप से जांच आवश्यक है !
इतना भारी तादात में काष्ठ का आमद हो जाना और बिक्री भी हो जाना चिंता का विषय है, ग्रेडर ने ये भी लेख किया है कि रात्री गस्त के समय POR मटेरीयल सागौन चिरान तथा 01 नग सायकल को चालान क्र. 8070/21 दिनांक 14.01.2022 के द्वारा काष्ठागार डिपों में भेजा गया था जबकी मटेरीयल सागौन चिरान को नीलाम दिनांक 08.01.2022 को नीलाम में प्रस्तावित कर दिया जिसका लाट क्र. 2075 स्टेक 5640 में 16 नग = 0.077 घ. मी. है! जो कि संभव ही नही है जिसे डिपो प्रभारी किया गया है !
उक्त मामले को कफन दफन करने के लिये पुरा वन विकास निगम के अधिकारी कमर कस चुके थे लेकिन आखिर कार उजागर हो ही गया! 2431 नग = 436.459 घ. मी. सागौन के लट्ठा पचा गया! छत्तीसगढ़ वन विकास निगम लिमिटेड में अधिकारी कर्मचारी की पाचन क्षता बहुत अधिक है ,अच्छी है जो लकड़ी जैसे चीजों को पचा दे रहे है जब एक वर्ष में इतना सारा गंभीर मामला सामने आया है तो वर्ष 1998 से खुला है डिपों न जाने कितना माल पचा गया होगा!
ग्रेडर की ईमानदारी ने वन विकास निगम को नंगा करके रख दिया है, करोड़ो रूपया के सागौन काष्ठ कोपचा गया है! सीधे तौर पर इसे चोरी ही कह सकते है, जो 2431 नग लट्टा को डिपों से रातो रात पार्सल कर दिया, क्या इसकी भरपाई प्रबंध संचालक करेंगें, या बारनवापारा परियोजना मंडल के ईमानदार मंडल प्रबंधक करेंगें या फिर डिपों के ईमानदार कर्मचारी करेंगें!
छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम में जिस तरिका से सेंध लगाने का काम किया गया है उससे वन मंत्री के भी होस उड़ जायेंगे।
यह मामला तब सामने आया जब आफिस में कार्य करने वाले ग्रेडर को आफिस से भगाकर उसे बेरियर में बिठा दिया गया। बेरियर से और यह स्पष्ट हो जाता है कि डिपों में वास्तव में कितना माल किस चालान क्रमांक से आया है,और डिपों से किस टीपी के माध्यम से कितना माल बाहर गया है।
जिस प्रकार से 2431 नग लट्ठा 436.459 घन मीटर काष्ठ का अवैधानिक रूप से आमद हुआ डिपों में तो उस लकड़ी को अनलोडिंग हेमाल लोगों ने किया! और वही अवैधानिक रूप से प्राप्त काष्ठ जब बाहर गया तो उस लकड़ी का लोडींग हेमाल लोगों ने ही किया होगा। मतलब इससे स्पष्ट होता है कि इस कारनामें में हेमाल लोगों की अहम भूमिका व है,पता करने पर स्पष्ट हो जायेगा कि किस ठेकेदार के गाड़ी में कितना माल लोड किया गया है। सारे राज का बात सामने आयेगा।

यह तो अभी केवल ट्रेलर है, पुरा के पुरा फिच्चर बाकी है!

About the author

Mazhar Iqbal #webworld

Indian Journalist Association
https://www.bbc.com/hindi

Add Comment

Click here to post a comment

Follow us on facebook

Live Videos

Breaking News

Advertisements

Advertisements

Advertisements

Advertisements

Our Visitor

0724330