जनसुविधा की दृष्टि सेे कलेक्टरों को दिए ये भी निर्देश
रायपुर / बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस बीच आम जनता को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनसुविधा की दृष्टि सेे कलेक्टरों को दिए कई निर्देश हैं ।
मुख्यमंत्री ने यह दिए निर्देश – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए कई जिलों में जारी लॉकडाउन की अवधि में जन सुविधा के मद्देनजर कलेक्टरों को अत्यावश्यक सेवाओं सहित फल, सब्जी, दूध, रसोई गैस की डोर-टू-डोर डिलिवरी की अनुमति एवं इसके लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देेश दिए हैं । मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन अवधि में पेट्रोल पम्प, दवाई दुकान, रसोई गैस एजेंसी, हॉस्पिटल एवं पशुओं के आहार से संबंधित दुकानों को खोलने की अनुमति देने को कहा है । उन्होंने गांवों में सब्जी एवं फल की खेती करने वाले किसानों को यदि वह शहर आकर कालोनियों एवं मोहल्लों में डोर-टू-डोर सब्जी-फल बेचना चाहते हैं तो उन्हें भी इसकी अनुमति दिए जाने के निर्देश दिए हैं । मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को दिए गए अपने निर्देश में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि लॉकडाउन की अवधि में कोई भी सब्जी एवं फल की दुकान नहीं खुलेगी । सब्जी-फल उत्पादक किसानों से सीधे सब्जी-भाजी, फल क्रय कर स्ट्रीट वेन्डर उन्हें कालोनियों, गली-मोहल्लों में घर-घर जाकर बेच सकेंगे । लॉकडाउन के अवधि में बैंक खोलने की अनुमति सिर्फ इस शर्त पर दी गई है कि बैंक के अधिकारी-कर्मचारी बैंकिंग सेवा से संबंधित कार्याें का निष्पादन कर सकेंगे । यहां बैंक पब्लिक डिलिंग की अनुमति नहीं होगी । एटीएम को चौबीसों घंटे क्रियाशील रखने के लिए बैंक से राशि निकालकर एटीएम में फीड की जा सकेगी ।
पीडीएस दुकानें खुलेंगी, टोकन सिस्टम से बंटेगा – खाद्यान्न मुख्यमंत्री सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य के राशन दुकानों को खोलने और उपभोक्ताओं को टोकन आधार पर खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित करने को कहा है। राशन दुकान संचालकों द्वारा उपभोक्ताओं को इसके लिए पूर्व में टोकन दिया जाना होगा। प्रतिदिन अधिकतम 50 से 80 उपभोक्ताओं को टोकन के आधार पर राशन उपलब्ध कराने को कहा गया है। उन्होंने कलेक्टरों को जिला खाद्य अधिकारियों के माध्यम से उक्ताशय की सूचना जिले के समस्त उचित मूल्य दुकान के संचालकों को देने और इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
चिकित्सा सुविधा के लिए यह निर्देश –
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति को देखते हुए जिलों में स्थापित डेडिकेटेड हॉस्पिटल, कोविड केयर सेंटर में मानव संसाधन की आपूर्ति के लिए सेवानिवृत्त चिकित्सकों सहित प्राईवेट चिकित्सकों, नर्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ की आवश्यकता संविदा भर्ती के निर्देश दिए हैं। यह संविदा भर्ती तीन माह अथवा अधिकतम कोविड संक्रमण अवधि तक के लिए होगी । नियुक्त चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को संविदा दर के अनुसार मानदेय का भुगतान डीएमएफ फंड से किया जाएगा।
ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में जोर – जिलों और दूरस्थ अंचलों में ब्लॉक स्तर पर स्थित कोविड सेटरों में भी यथासंभव ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है। ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके। कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ की सेवा और इलाज के चलते कोरोना मरीज जल्द रिकवर भी कर रहे हैं। वहीं राज्य सरकार लोगों को संक्रमण से बचाने जिला स्तर पर आरटी-पीसीआर लैब स्थापित करने में जुटी है। जिससे कोरोना का टेस्ट सहजता से अविलम्ब हो सके।
केंद्र से 285 वेंटिलेटर मांगा – राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के मद्देनजर केन्द्र सरकार से 285 वेंटिलेटर जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की मांग की है। राज्य की अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण रेणु जी पिल्ले ने 12 अप्रैल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय केन्द्र सरकार के सचिव को पत्र भेजा गया है।
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