* ट्विटर ने मानचित्र में लद्दाख को चीन में दिखाने के लिए लिखित माफी मांगी है : संसदीय समिति की अध्यक्षा मीनाक्षी लेखी ने बताया.
* भारत के नक्शे के भौगोलिक क्षेत्र को गलत दिखाने के लिए ट्विटर इंक के मुख्य निजता अधिकारी डेमियन कैरियन के हस्ताक्षर वाला शपथपत्र दिया गया है : लेखी
* ट्विटर ने भारतीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगी है और 30 नवंबर, 2020 तक गलती सुधारने की प्रतिबद्धता जताई है : लेखी
डेटा प्रोटेक्शन पर संसद की संयुक्त समिति ने ट्विटर से मांगा लिखित जवाब। कहा भारत की संप्रभुता का अपमान किसी भी हाल में स्वीकार नहीं।
नई दिल्ली। लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाने के लिए डेटा प्रोटेक्शन की संयुक्त संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों से पूछताछ की। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक समिति ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट से लिखित जवाब भी मांगा है। इससे पहले 22 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने ट्विटर पर भारतीय मानचित्र को गतल तरीके से दिखाने के मामले में कड़ा एतराज़ जाहिर किया था। सरकार ने ट्विवटर के सीईओ जैक डोर्सी से कहा था कि ट्विटर द्वारा भारत की संप्रभुता के अपमान का कोई भी प्रयास स्वीकार नहीं है। डेटा प्रोटेक्शन पर संसदीय समिति की अध्यक्षता बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने की। उन्होंने कहा कि ट्विटर का यह व्यवहार पूरी तरह से गलत है और लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाना आपराधिक है। लेखी ने कहा कि इस मामले में ट्विटर की तरफ से जो जवाब दिया गया है वो पर्याप्त नहीं है। इसके लिए सात साल की सजा का प्रावधान है। आईटी सेक्रेटरी अजय साहनी ने भी एक पत्र लिखकर ट्विवटर की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत की संप्रुभता और अखंडता का अपमान करने का कोई भी प्रयास ना केवल बर्दाश्त करने लायक नहीं है, बल्कि ऐसा करना कानून के तहत अपराध भी है। अपने पत्र में साहनी ने ट्विटर से भारतीय नागरिकों की संवेदनशीलता का सम्मान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदमों से ट्विवटर जैसी कंपनी की बदनामी भी होती है।
Parliamentary panel on data protection seeks written explanation from top officials of Twitter on showing Ladakh as part of China
— Press Trust of India (@PTI_News) October 28, 2020
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