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सरकार से राहत न मिलने पर बंद हो जाएगी Vodafone Idea – कुमार मंगलम बिड़ला

नई दिल्ली/ पिछले दिनों Vodafone सीईओ द्वारा भारतीय बाजार में कंपनी के हालत को लेकर दिए गए बयान पर सरकार ने उनसे सवाल पूछे थे जिसके बाद उन्होंने इसे लेकर सफाई दी थी। लेकिन अब इस मामले में Idea के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला का बयान आया है और उन्होंने भी देश में कंपनी के भविष्य पर सवाल खड़े कि एहैं। बिड़ला ने कहा है कि अगर सरकारी मदद नहीं मिली तो Vodafone Idea बंद हो जाएगी।
घाटे और पैसों की कमी से जूझ रही वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कंपनी के भविष्य को लेकर शुक्रवार को यह बड़ा बयान दिया है।
बिड़ला ने अपने बयान में कहा, “यदि हमें कुछ नहीं मिला तो मुझे लगता है कि यह वोडाफोन आइडिया की कहानी का अंत है।” वह एक मीडिया हाउस की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। बिड़ला ने यह भी कहा कि राहत न मिलने की स्थिति में वह कंपनी को दिवाला प्रक्रिया में ले जाएंगे।
दरअसल, सितंबर तिमाही में वोडाफोन आइडिया को 50,921 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड घाटा हुआ है। यह अब तक किसी भी भारतीय कंपनी को हुआ सबसे ज्यादा तिमाही घाटा है। इसकी मुख्य वजह कंपनी पर मौजूद एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वोडाफोन आइडिया पर सरकार की अनुमानित 44,150 करोड़ रुपए की देनदारी है। 2019-20 की दूसरी तिमाही में यह बकाया चुकाने के लिए कंपनी ने 25,680 करोड़ रुपए का प्रावधान किया। सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित करते हुए ही वोडाफोन आइडिया की ओर से कहा गया था कि वह एजीआर मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुर्नविचार याचिका दाखिल करने जा रही है। कंपनी का चल पाना इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार से राहत मिलती है या नहीं और कानूनी मसलों का कोई सकारात्मक समाधान होता है या नहीं।
बिड़ला की संपत्ति भी घटी-पिछले दिनों आई ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला की संपत्ति में साल 2017 के बाद से एक तिहाई की कमी आई है। बिड़ला की नेट वर्थ दो साल में 9.1 अरब डॉलर से घटकर 6 अरब डॉलर की रह गई है। ग्रुप की कंपनी आइडिया ने पिछले साल वोडाफोन के साथ हाथ मिलाए थे। इसके बाद वोडाफोन आइडिया को बड़ा घाटा झेलना पड़ा है।
रिलायंस जियो ने बढ़ाई मुश्किल-2016 में घरेलू दूरसंचार क्षेत्र में रिलायंस जियो इंफोकॉम का परिचालन शुरू होने के बाद से उसकी दोनों प्रतिद्वंद्वी कंपनियां एयरटेल और वोडाफोन लगातार घाटे में रही हैं। इसके अलावा बिरला की दूसरी फ्लैगशिप फर्म, जो केमिकल, मेटल्स और सीमेंट का उत्पादन करती हैं, उन्हें भी लगातार घाटा हुआ है।

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